Russia (रूस) और Ukraine (यूक्रेन) के बीच जंग 25 मार्च को 30 वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। रूस की आक्रामकता लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच 24 मार्च को ब्रुसेल्स में हुए नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का रूस के प्रति कड़ा रुख सामने आया है। बाइडेन ने बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में नाटो समिट को संबोधित किया। कहा कि यूक्रेन पर हमले के जवाब में रूस को औद्योगिक और विकासशील देशों के G20 ग्रुप से बाहर निकाल देना चाहिए। ऐसा होने से रूस दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से कट जाएगा।
केमिकल हथियार का प्रयोग करने पर रूस को नाटो देगा मुंहतोड़ जवाब
बाइडेन ने कहा कि अगर सदस्य देश रूस को हटाने से सहमत नहीं होते हैं, तो यूक्रेन को नाटो की मीटिंग्स में हिस्सा लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। बाइडेन ने ये भी कहा कि अगर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया, तो इसका जवाब नाटो जवाब देगा।
Trade में जी-20 की हिस्सेदारी 75 %
दुनियाभर के इंटरनेशनल ट्रेड में G20 देशों की हिस्सेदारी करीब 75% है। दुनिया की दो तिहाई आबादी यहीं रहती है। रूस पहले से ही पश्चिम देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की मार झेल रहा है। इससे पहले, 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद G8 से बाहर निकाला जा चुका है।
जी-20 के ये हैं सदस्य देश
G20 एक ऐसा समूह है, जिसमें 19 सदस्य देश हैं और 20वां यूरोपीयन यूनियन है। हर साल होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है। ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।