Russia (रूस) और Ukraine (यूक्रेन) के बीच जंग 29 मार्च को 34वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। रूस की आक्रामकता किसी के रोके रुकने वाली नहीं दिखती। अमेरिका और यूरोपियन देशों के प्रतिबंधों और धमकियों से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हौसले पर असर का कोई निशान नहीं है। इंटरनेशनल मीडिया की ओर से आ रही खबरों के अनुसार, रूसी सेना ने वर्तमान में मारियुपोल शहर पर पूरा फोकस करते हुए लगभग यहां की 90% इमारतों को मलबे में तब्दील कर दिया है। शहर के मेयर के प्रवक्ता ने कहा कि रूसी बलों द्वारा घेराबंदी के बाद से इस इलाके में लगभग 5,000 लोग मारे गए हैं। 40 फीसदी इमारतें बिल्कुल नष्ट हो गई हैं। अब यह शहर खंडहर में तब्दील हो गया है।
इस स्थिति में परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है रूस
उधर, रूस में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने 28 मार्च को को एक साक्षात्कार में पीबीएस को बताया कि रूस अपने देश के “अस्तित्व पर खतरा मंडराने” की स्थिति में ही परमाणु हथियारों इस्तेमाल करेगा। पेसकोव ने कहा कि हम परमाणु हथियारों उपयोग कर सकते हैं और हम वास्तव में अपने देश के अस्तित्व के खतरे को खत्म करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हैं।
रूसी कब्जे से इरपिन मुक्त
इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उनकी सेना ने कीव के पास स्थित इरपिन को रूसी कब्जे से आजाद करा लिया है। इरपिन के मेयर ओलेक्जेंडर मार्कुशिन ने कहा कि इरपिन को आजाद करा लिया गया है। हम समझते हैं कि अभी हमारे शहर पर और हमले होंगे, लेकिन हम साहस के साथ इनका सामना करेंगे।
कुछ इंपॉर्टेंट अपडेट्स
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि विरोधी देशों के नागरिकों को रूस का वीजा मिलना मुश्किल होगा।
यूक्रेन ने 29 March से रूस के साथ शुरू हो रही वार्ता में सीजफायर का रास्ता खुलने की उम्मीद जताई है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पुतिन सुलह के मूड में नहीं हैं।
यूक्रेन को ब्रिटेन स्टार स्ट्रीक सिस्टम देगा। रूस ने परमाणु हमले की धमकियां दी हैं, जिसके बाद ब्रिटेन ने ये फैसला किया है।
यूक्रेन के सबसे बड़े टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइर पर साइबर अटैक हुआ है।
शांति वार्ता से पहले राष्ट्रपति जेलेंसकी ने कहा कि यूक्रेन न्यूट्रल देश बनने को तैयार है।
रूस के हमले का समर्थन करने का प्रतीक ‘Z’ अक्षर प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों पर जर्मनी में मुकदमा चलाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते कई रूसी लोग तुर्की और दुबई की प्रॉपर्टीज में इनवेस्ट कर रहे हैं।