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…  और देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिरने लगे मकान, लोग…

…  और देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिरने लगे मकान, लोग…

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Afghanistan (अफगानिस्तान) में 22 जून की सुबह अचानक आए भयंकर भूकंप ने ऐसा कहर बरपाया कि किस तरह का मंजर शायद दुनिया में पहले किसी भूकंप के कारण नहीं देखा गया होगा। भूकंप आने के समय लोग सोए हुए थे और उन्हें खुद को बचाने का मौका ही नहीं मिला। अचानक धरती हिली और चंद सेकंड में देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर मकान गिरने लगे। जो निकल कर भाग सके, उनमें कुछ बच गए।  नहीं निकलने वाले दबकर घर में ही मर गए। अभी तक के आंकड़ों में हजार से डेढ़ हजार की मौत की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तव में कितनी मौतें हुई हैं, यह अभी सामने नहीं आया है। भूकंप आने के बाद तबाही से निपटने के लिए अफगानी सेना हरकत में आई और बचाव तथा राहत का काम शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया से आ रही खबरों के मुताबिक, अभी सैकड़ों लोग मलबे में फंसे हुए हैं। संसाधनों की कमी के कारण राहत और बचाव कार्य में परेशानी आ रही है। कई प्रांतों से आ रहे वीडियो में भूकंप के बाद के दृश्य देखकर किसी की भी रूह कांप सकती है।

पहले भी भयंकर भूकंप का दंश झेल चुका है यह क्षेत्र

भूकंप का मुख्य क्षेत्र दक्षिण पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर से 44 किलोमीटर दूर 51 किलोमीटर की गहराई पर रहा। बताया जा रहा है कि यह क्षेत्र पहले भी भूकंप का भयंकर दंश झेल चुका है। साल 2015 में आए इस क्षेत्र में भूकंप ने 200 लोगों की जान ले ली थी। साल 2001 में आए भूकंप ने भी 1000 लोगों की जान ली थी।

भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में करीब 500 किलोमीटर के दायरे में महसूस किए गए। अफगानिस्तान में आए भूकंप से हुए नुकसान के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है पीएम ने कहा है कि भारत जल्द से जल्द अफगान की हर संभव मदद करने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए तैयार है।

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