एक ओर पाकिस्तान में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने की मशक्कत में जुटे हैं तो दूसरी ओर श्रीलंका संकट में भी अब क्रिकेटर से राजनेता बने अर्जुन रणतुंगा अपने देश की सरकार के खिलाफ मुखर हो गये हैं। इस बीच श्रीलंका सरकार ने साफ कहा है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी भी हाल में इस्तीफा नहीं देंगे।
देश की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है
श्रीलंका में भीषण आर्थिक संकट के कारण फैली हिंसा के बीच क्रिकेटर से राजनेता बने अर्जुन रणतुंगा अपने देश के नेताओं को खूब लताड़ लगाई है। श्रीलंका को 1996 में क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले अर्जुन बाद में राजनेता बने थे और देश के पर्यटन मंत्री का काम भी संभाला था। इस संकट को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में स्थितियां बहुत खराब हो चुकी हैं। आप कोरोना का बहाना नहीं बना सकते क्योंकि पूरी दुनिया इससे गुजरी है। जनता विरोध प्रदर्शनों में सिर्फ दूध, गैस, चावल, पेट्रोल जैसी बुनियादी चीजें मांग रही है।
सरकार ने अपने फायदे के लिए संविधान बदला
रणतुंगा ने कहा कि इस सरकार ने अपने फायदे के लिए पूरे संविधान को ही बदल दिया है। हाल ही में यूनाइटेड नेशनल पार्टी से इस्तीफा देने वाले रणतुंगा ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत हमारी बहुत मदद कर रहा है। भारत बड़े भाई की भूमिका निभा रहा है। इस बीच श्रीलंका सरकार ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे से साफ इनकार किया है। उल्लेखनीय है कि देश की इस दुर्दशा के लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार मानकर विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है।