National News Update, New Delhi, India Aheaded Japan In Steel Industries, Import Decreased, Indian Currency Saved : ग्लोबल लेवल पर इंडस्ट्री के एक सेक्टर में इंडिया का बड़ा अचीवमेंट। देश के इस्पात उद्योग ने आयात में कमी लाकर 34,800 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा को बचाया है। स्टील उद्योग में अग्रणी जापान को पछाड़ते हुए भारत ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक देशों में अपनी जगह बनाई है। जापान को स्टील कैपिटल के नाम से जाना जाता है। ऐसे में भारत का जापान को पछाड़ना एक बड़ी उपलब्धि है। करोडो की विदेशी मुद्रा बचाने के साथ ही भारत ने छह करोड़ टन कच्चे इस्पात को भी अपने खजाने में जोड़ा।
चीन अभी भी बहुत आगे
जापान से आगे निकलने के बाद हम इस्पात उत्पादक देशों में दूसरे नंबर पर तो पहुंच गए हैं, लेकिन अभी भी चीन हमसे आगे हैं। इस बारे में केंद्रीय इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय इस्पात क्षमता में साल 2014-15 से अब तक 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साल 2014-15 यह 10.98 करोड़ टन थी, जो अब वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16.03 करोड़ टन पहुंच गया है। क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही उत्पादन और प्रति व्यक्ति खपत में भी वृद्धि हुई है। उत्पादन 8.89 करोड़ टन से बढ़कर 12.62 करोड़ टन पहुंच गया है। इस्पात की प्रति व्यक्ति खपत की बात की जाए तो यह 43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 60.8 किलोग्राम से बढ़कर 86.7 किलोग्राम तक पहुँच गई है।