पाकिस्तान सरकार (Pakistan government) ने पाक अधिकृत गिलगित-बल्तिस्तान का बजट आधा से भी कम कर दिया गया है। इसे लेकर वहां की जनता सरकार से बेहद खफा हैं। पाकिस्तान सरकार के इस कदम से गिलगित- बल्तिस्तान के मुख्यमंत्री ने विरोध दर्ज कराया है। आपको बता दें कि वृहद जम्मू- कश्मीर का हिस्सा माने जाने वाले गिलगित- बल्तिस्तान पर पाकिस्तान का कब्जा है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को स्वायत्तता देने की बातें तो करता रहता है, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करता है। उसका मकसद इस इलाके का सिर्फ दोहन करना है। गिलगित- बल्तिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने पाकिस्तान पर क्षेत्र के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हाल ही में पेश हुए बजट में गिलगित-बल्तिस्तान की सर्वाधिक अनदेखी हुई है।
महज 23 अरब रुपए का बजट
वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत के लिए 50 अरब रुपये का बजट प्रस्तावित था। इसके विपरीत पाकिस्तान सरकार के बजट में गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत के लिए महज 23 अरब रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। खालिद खुर्शीद खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार जानबूझ कर इस प्रांत की उपेक्षा कर रही है। पूरे देश को बिजली मिल रही है किन्तु गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत में बिजली का संकट बना हुआ है। यह स्थिति तब है जबकि पूरे मुल्क के लिए जरूरी पानी का 70 प्रतिशत पानी गिलगिट-बल्तिस्तान से ही उपलब्ध होता है। गिलगिट-बल्तिस्तान को पाकिस्तान सरकार द्वारा टैक्स फ्री जोन घोषित किया जा चुका है, इसके बावजूद पाकिस्तान की मौजूदा सरकार ने जानबूझकर राज्य के बजट में कमी कर विकास रोकने का षडयंत्र किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र को पिछड़ा बनाने के एजेंडे पर अमल के लिए ऐसा किया जा रहा है। इसे लेकर जनता में भी गुस्सा व्याप्त है। लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन की चेतावनी दी है।