Ukraine Crisis (यूक्रेन संकट) को लेकर भारत और चीन तत्काल संघर्षविराम की जरूरत पर सहमत हैं। 25 मार्च को दोनों देशों ने संघर्ष विराम की आवश्यकता और संघर्ष को कम करने के लिए युद्धरत देशों के कूटनीति और बातचीत की राह पर लौटने की जरूरत पर सहमति जताई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच तीन घंटे की बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा।
दोनों ने साझा किए विचार
जयशंकर ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘वांग यी ने चीन की समझ, वहां (यूक्रेन में) उत्पन्न स्थिति और उससे संबंधित घटनाक्रम के बारे में चीन का दृष्टिकोण पेश किया और मैंने भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।’ विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण पर चर्चा की और सहमति जताई कि कूटनीति एवं बातचीत प्राथमिकता होनी चाहिए।
रूस और यूक्रेन को बातचीत की राह पर लौटना चाहिए
जयशंकर ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है, भारतीय दृष्टिकोण के बारे में, आप में से कई लोगों ने मुझे कल संसद में भी बोलते हुए सुना होगा। जाहिर है कि उन्होंने (वांग ने) जो कुछ कहा है, वह उनका विचार है और मैंने जो कहा वह मेरा विचार है, लेकिन साझा विचार यह है कि हम दोनों ही तत्काल संघर्षविराम को महत्व देने के साथ-साथ कूटनीति एवं बातचीत की राह पर (रूस और यूक्रेन के) लौटने की जरूरत पर सहमत हुए हैं।’