Moscow News : विज्ञान चाहे लाख प्रगति कर ले। हम आसमान की ऊंचाइयां नाप लें, समुद्र की गहराइयां छान लें, ऊंची पर्वत शृंखलाओं को लांघ लें,सूचना तकनीक के इस युग में हम एक से बढ़कर एक असंभव कार्य कर डालें, परंतु प्राकृतिक आपदाओं पर हमारा कोई जोर नहीं। यहां हर विज्ञान फेल है। भूकंप, हिम स्खलन, तूफान, बाढ़, बवंडर आदि को रोकने की ताकत भला किसमें है। ज्वालामुखी विस्फोट भी इनमें शामिल है। इसी मंगलवार की बात है, रूस में फटी ज्वालामुखी विस्फोट ने खासी तबाही मचाई। इसकी भयावहता का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इसकी राख 400 किलोमीटर तक में फैल गई और धुआं 20 किलोमीटर ऊपर तक उठा।
70 किलोमीटर तक में फैला है धुआं, लोगों को सांस लेने में आ रही परेशानी
रूस के कामचाटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वालामुखी मंगलवार को फट गई। इससे संबंधित क्षेत्र के पश्चिम में 400 किलोमीटर और दक्षिण में 270 किलोमीटर तक इसकी राख फैल गई। इसके उठा धुआं एक लाख 8000 स्क्वायर किलोमीटर में फैल गया। आस-पास के गावों में 8.5 इंच मोटी राख की परत जम गई है। 70 किलोमीटर तक फैले धुएं से लोगों को सांस लेने में परेशानी उत्पन्न कर रहा है।
घर से बाहर निकलने पर रोक, स्कूल-कॉलेज, दुकान-मॉल सब बंद
ज्वालामुखी विस्फ़ोट के बाद राख की चपेट में आने से सैकड़ों घर के अलावा गाड़ियां दब गईं हैं। बहरहाल, इस घटना के बाद जहां हवाई उड़ानें बंद कर दी गईं है, वहीं लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी गई है। स्कूल,कालेज, दुकान, मॉल सभी बंद कर दिए गए हैं।