भीषण आर्थिक संकट जूझ रहे पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान के जिगरी दोस्त माने जाने वाले चालबाजी चीन, यूएई और सऊदी अरब ने अब पाकिस्तान को आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है। दोस्तों के इस फैसले से पाकिस्तान अंदर ही अंदर परेशान हो चुका है। महंगाई को लेकर पाकिस्तान की जनता सरकार से पहले से ही खफा है। यहां दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से निम्न वर्ग के लोग जुटा पा रहे हैं।
तेजी से घट रहा विदेशी मुद्रा भंडार
पड़ोसी देश पाकिस्तान की समूची अर्थव्यवस्था इस समय संकट में है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार तो तेजी से घट ही रहा है। विदेशी कर्ज के बोझ से दबी अर्थव्यवस्था व भारी महंगाई के कारण पाकिस्तान का बुरा हाल हो गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने साफ कह दिया है कि जून 2022 के अंत से पहले पाकिस्तान पर करीब 5 अरब डॉलर का कर्ज हो जाएगा।
कर्ज न चुकाने की स्थिति में डिफाल्टर हो जाएगा
बैंक का दावा है कि ऐसे में पाकिस्तान को अगर वैश्विक संस्थाओं से कर्ज नहीं मिला तो वह बकाया कर्ज नहीं चुका पाएगा और डिफॉल्टर हो जाएगा। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने मित्र देशों से कर्ज मांगा किन्तु वहां से सकारात्मक जवाब नहीं मिल सका है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के मुताबिक वे मदद के लिए स्वयं संयुक्त अरब अमीरात व सऊदी अरब गए थे, किन्तु वे मदद के लिए तैयार नहीं हैं।
दोस्तों की सलाह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लें मदद
पाकिस्तान के मित्र देशों ने उसे सलाह दी कि पहले वे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मदद लें, इसके बाद ही वे पाकिस्तान की मदद पर विचार करेंगे। चीन के एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक ने भी पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। बैंक ने भी कहा है कि यदि वैश्विक वित्तीय संस्थाएं पाकिस्तान को कर्ज देंगी तो ही वह भी मदद करेगा।