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भरी संसद में महिला सांसद ने अपने नवजात बच्चे को कराई ब्रेस्टफीडिंग, ऐसे देखते रह गए लोग!

भरी संसद में महिला सांसद ने अपने नवजात बच्चे को कराई ब्रेस्टफीडिंग, ऐसे देखते रह गए लोग!

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International news, Italy parliament, mother and child : अक्सर जागरूक लोग कहते हैं कि बदलाव धीरे-धीरे होता है। यह बात एक बार फिर सच साबित हुई इटली के संसद भवन में हुई घटना ने। जब इटली की संसद भवन में भीड़ जमी थी। इसी दौरान महिला सांसद के 2 महीने के बेटे को भूख लग गई। अब महिला सांसद इस सोच में पड़ गई कि वह बच्चे का पेट कैसे भरें। क्योंकि वहां बहुत ज्यादा भीड़ थी। कुछ देर सोच विचार ने के बाद भीड़ के बीच ही वह अपने बच्चे को अपना दूध पिलाना शुरू कर दिया। इस घटना को देखकर वहां मौजूद लोगों ने महिला सांसद का हौसला बढ़ाया और कहा कि कानून बनने के एक साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है। इस दौरान महिला के लिए दूसरे संसदीय सदस्य तालियां बजाने लगते हैं। इटली की इस महिला संसदीय सदस्य का नाम गिल्डा स्पोर्टिएलो है। उनके नवजात बच्चे का नाम फ्रेडरिको है। इटली की भरी संसद में अपने बच्चे को दूध पिलाने वाली महिला की उनके देश में खूब तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं कि अपने देश में भी महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है।

कैसा रहा संसद भवन का रिएक्शन

किसी भी देश के संसद भवन (पार्लियामेंट हाउस) को एक आदर्श स्थान माना जाता है, जहां कई नए नियम बनाए जाते हैं और कई पुराने नियमों को तोड़ा जाता है। जब एक महिला सांसद ने पार्लियामेंट में अपने शिशु को दूध पिलाया, तो लोगों ने उनकी प्रशंसा की। 36 साल की गिल्डा स्पोर्टिएलो ने लोअर हाउस में पहुंचकर अपना वोट डाला। इसके बाद वह अपनी कुर्सी पर वापस आकर अपने शिशु को दूध पिलाने लगी। इस समय पूरे संसद भवन में तालियों की गदगदाहट गूंजी। कई लोगों को वहां यह कहते सुना गया कि युवा सांसद गिल्डा स्पोर्टिएलो का यह कदम सभी माताओं को सशक्त बनाएगा।

अध्यक्ष में भी की तारीफ

इटली की संसद ने पिछले साल महिला सांसदों को उनके एक साल तक के बच्चों को संसद भवन में दूध पिलाने की अनुमति दी थी। यह निर्णय गिल्डा इटली के फाइव स्टार मूवमेंट पार्टी के सदस्यों द्वारा लिया गया है। उन्होंने बताया कि कई माताएं अपने बच्चों को दूध पिलाना बंद कर देती हैं। ऐसा हो वह खुद अपने मन से नहीं करती हैं, बल्कि सार्वजनिक स्थान पर दूध पिलाना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। हालांकि, अब चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं और इस प्रक्रिया की शुरुआत इटली की संसद से हुई है। इटली में संसदीय सत्र की अध्यक्षता करने वाले जियोर्जियो मुले ने कहा कि सभी दलों ने इस निर्णय का समर्थन किया था, और इसलिए यह अब संभव हो पाया है। उन्होंने इस कार्य के लिए महिला सांसद को बधाई दी और उनकी खूब प्रशंसा की।

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