Malaysia (मलेशिया) में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरो का पहला जत्था 28 April को रांची पहुंचा। वतन वापसी से खुश मजदूरों ने अपनी वापसी के लिए आजसू प्रमुख सुदेश महतो और समाजसेवी ज्योति शर्मा का विशेष आभार व्यक्त जताया। ज्योति शर्मा ने बताया कि 25 की रात को ये जत्था कुआलालंपुर से कोलंबो के लिए चला। कोलंबो से 26 को चेन्नई पहुचा। चेन्नई से 26 की रात ट्रेन से रांची के लिए चला था।
ये लौटे हैं मजदूर
पहले जत्थे में वतन लौटने वाले मजदूरों में गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत घुटबाली के विनोद महतो,सेवाटांड के देवानंद महतो, बगोदर प्रखंड अंतर्गत खेतको के विनोद कुमार,बासुदेव महतो,बुधन महतो,रामेश्वर महतो बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत महुवाटांड के झरी कमर गोमियां प्रखंड अंतर्गत तिसकोपी के प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो,हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड अंतर्गत चानो के भुनेश्वर महतो शामिल है। गुरुवार की सुबह रांची पहुचने के बाद सभी अपने अपने घर निकल गए।
20 मजदूर भी लौटेंगे शीघ्र
ज्योति शर्मा ने बताया कि शेष 20 मजदूरों की वापसी को लेकर भी एम्बेसी से लगातार बात हो रही है। मजदूरों की वापसी में बीएन रेड्डी (High commission of india in Malaysia), एनपी सिंह second secretary(Labour), श्रीमती रत्ना , नागेंद्र जायसवाल, और प्रशांत किशोर ने बहुत सहयोग दिया है।
पावर प्रोजेक्ट कंपनी में कर रहे थे काम
ये मजदूर मलेशिया में एक पावर प्रोजेक्ट की कंपनी में काम कर रहे थे। इन्हें ज्यादा वेतन देने का आश्वसन दिया गया था। काम करवाने के बाद कम वेतन दिए जाने पर मजदूरों ने विरोध किया। विरोध से कंपनी और खफा हो गई और इनका वेतन देना बंद कर दिया। वेतन नहीं मिलने से इनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। मजदूरों ने भारतीय दूतावास से शिकायत किया तो कंपनी ने कुल 30 मजदूरों में 10 को घर जाने के लिए टिकट मुहैय्या कराया। 20 मजदूर अभी भी मलेशिया में ही हैं। बताया जा रहा है कि उन लोगों ने गुरुद्वारे में शरण ले रखी है। उनकी वतन वापसी भी जल्द होगी। इसे लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।