Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

श्री सर्वेश्वरी समूह का 64 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न

श्री सर्वेश्वरी समूह का 64 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न

Share this:

Ranchi News: श्री सर्वेश्वरी समूह का 64वां स्थापना दिवस 21 सितम्बर को रांची शाखा में हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः  5.30 बजे समूह संस्थापक परम पूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु के तैल चित्र के नगर भ्रमण प्रभात फेरी से हुई। इसमें समूह सदस्य भारी संख्या में लगभग एक सौ छोटे बड़े-वाहनों में शामिल हुए और आश्रम परिसर से विश्वनाथ शाहदेव चौक, धुर्वा  तक गये। तत्पश्चात श्रद्धालुजन द्वारा अघोर पथ स्थित आश्रम परिसर में गुरु पूजन एवं ध्वज पूजन के साथ सफल योनि सद्ग्रन्थ का पाठ सम्पन्न किया गया।
इस पुनीत दिवस के माहात्म्य पर आश्रम सभागार में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता शाखा प्रयागराज से पधारे परम पूज्य के विशेष प्रतिनिधि हरीश कुमार तिवारी जी ने की। सभाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में समूह की स्थापना के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने आश्रम परिसर की पवित्रता एवं वातावरण की विशेषता बतलायी।
अन्य वक्ताओं में कर्नल रामचंद्र नाथ शाहदेव ने कहा कि परमपूज्य एवं पुराने सदस्यों के अथक परिश्रम से श्री सर्वेश्वरी समूह ने अपनी आरम्भिक कठिनाइयों को ठीक उसी प्रकार से पार कर लिया है, जिस प्रकार से पहाड़ की चट्टानों को काटती हुई नदी अंततः मैदानों में उतर आती हो और अब यह समूह नयी पीढ़ी के हाथों में और निखरेगी। किरण द्विवेदी ने माता-पिता के प्रति बच्चों के कर्तव्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर नयन मंजरी ने कहा कि गुरु हमें अज्ञान से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। सौरभ राज जी ने कहा कि जिन पर गुरुकृपा हो जाती है, वे असम्भव कार्य भी आसानी से कर पाते हैं। 
वरिष्ठ पत्रकार नंदकिशोर मुरलीधर ने अपने संस्मरण साझा करते हुए सहजता, सरलता एवं गुरुसत्ता की महत्ता को समझाया।
डॉ. रोहित सिंह ने कहा कि अपने शरीर के मंदिर को स्वस्थ रखने से ही हम बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
यदुनाथ शाहदेव ने श्री सर्वेश्वरी समूह की स्थापना के लिए 21 सितम्बर ही दिन चुनने की महत्ता को बतलाया।
मुक्ता सिंह ने आश्रम की स्थापना एवं उद्देश्य के महत्त्व को बताते हुए अघोर साहित्य के गहन अध्ययन एवं उनके मनन की आवश्यकता पर बल दिया।
राजेश शरण ने आश्रम में युवाओं के कर्तव्य के साथ संरचना को और बढ़ाने के लिए जोर दिया। 
मंगलाचरण यशवंत नाथ शाहदेव, मंच संचालन हर्षवर्धन नाथ शाहदेव एवं धन्यवाद ज्ञापन अभय सहाय ने किया। दोपहर में सामूहिक प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

Share this: