Ranchi news, Jharkhand news : नये साल की 09 जनवरी सिद्धार्थ के लिए मंगलमय खबर लेकर आयी। संयोग देखिए, दिन भी मंगलवार और खबर भी मंगलमय। इसी दिवस को सीए की फाइनल एग्जाम का रिजल्ट प्रकाशित हुआ है।
जी हां, आप ठीक समझ रहे हैं…सिद्धार्थ सीए बन गये हैं। उन्होंने बहुत ही शानदार तरीके से परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्हें तीन विषयों में एग्जेम्पशन भी मिला है। सीए फाइनल के दोनों ग्रुप की परीक्षा एक साथ उन्होंने बीते वर्ष 2023 के नवम्बर महीने में दी थी। रांची के डोरंडा क्षेत्र स्थित गुरुदास भवन में रहनेवाले सिद्धार्थ की विद्यालयीय शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, सेलटाउनशिप में हुई। 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने यहीं से पूरी की। विषय साइंस था और वह फर्स्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हुए थे। सिद्धार्थ अपनी माता सीमा सिंह और पिता समरेन्द्र कुमार के लाडले हैं। संयुक्त परिवार में रहते हैं। दादा-दादी का भी उन्हें भरपूर प्यार मिलता रहा है। अपने ननिहाल से भी उन्हें बहुत लगाव है। सिद्धार्थ अपने छोटे भाई सागर पर अपना प्यार खूब न्योछावर करते हैं। उन्हें क्रिकेट खेलने में अच्छी रुचि रही है। करंट अफेयर्स को लेकर भी वह हमेशा जिज्ञासु रहते हैं। अपनी मां के हाथ से बनाये गये व्यंजन उन्हें बेहद पसन्द हैं।
क्या कहती हैं सिद्धार्थ की मां सीमा सिंह
बचपन में सिद्धार्थ काफी नटखट था। लेकिन, पढ़ाई-लिखाई में उसकी खूब रुचि थी। मेरे ही हाथ का बना भोजन उसे पसन्द है। बाहर के खाद्य पदार्थों से वह दूरी बना कर रहता है। सिद्धार्थ बहुत अनुशासित एवं धार्मिक प्रवृत्ति का लड़का है। उसे संगीत एवं आध्यात्मिक पुस्तक भी पढ़ने में काफी रुचि है। आज उसने हम सभी को बहुत खुशी दी है। हमारा सिर गर्व से ऊंचा किया है।
क्या कहते हैं पिता समरेन्द्र सिंह
बहुत अच्छा लग रहा है। अपने अनुशासनप्रिय बेटे की सफलता में अपनी सफलता देखता हूं। मेरा बेटा रीयल हीरो है। उसने कड़ी मेहनत की, जिसका सुखद परिणाम आज हमारे सामने आया है। अच्छे-अच्छे वाहन रखना उसके शौक में शामिल है। बाजार में आनेवाले नये वाहन की जानकारी उसे पहले से हो जाती है। राजनीति से सम्बन्धित जानकारी भी रखता है। हमें गर्व है कि हम सिद्धार्थ के माता-पिता हैं।
छोटे भाई सागर से है विशेष लगाव
सिद्धार्थ को अपने छोटे भाई सागर से विशेष लगाव है। वह अपने मन की बात उन्हीं से साझा करते हैं। सागर वर्तमान समय में बीबीए एलएलबी आॅनर्स की पढ़ाई एमिटी यूनिवर्सिटी, रांची से कर रहे हैं।
दादा-दादी के हैं लाडले
सिद्धार्थ अपने दादा-दादी के लाडले रहे हैं। उनके दादा स्व. प्रभात कुमार सिंह टेल्को कम्पनी में उच्च पद पर पदस्थापित थे। दादी सुशीला देवी सिद्धार्थ की सफलता से बहुत खुश हैं। वह कहती हैं, ‘सिद्धार्थ ने आज हम सभी को इतनी खुशी दी है कि कहना शुरू करूं, तो शब्द कम पड़ जायेंगे।’
सिद्धार्थ गुरु देव के आशीर्वाद को मानते हैं सर्वोपरि
सिद्धार्थ कहते हैं, ‘अपने गुरुदेव जी से आशीर्वाद स्वरूप मार्गदर्शन प्राप्त कर दृढ़ संकल्प व विश्वास के साथ कड़ी मेहनत करके सीए की पढ़ाई शुरू की और उन्हीं के आशीर्वाद से सीए बनने में सफल हो सका हूं।’