पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता द्वारा की गई टिप्पणी के बाद रांची में गत 10 जून को राजधानी रांची के मेन रोड में उपद्रव के दौरान हनुमान मंदिर पर हमला एक साजिश के तहत किया गया था। मकसद था पूरे झारखंड में दंगा- फसाद फैलाना। इस उपद्रव की पटकथा पहले ही लिख दी गई थी। इस उपद्रव की तैयारी गाजीपुर और पटना से आए संदिग्धों ने कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर की थी। इस मामले की पूरी जानकारी पुलिस को और जांच एजेंसियों को अब मिल चुकी है। अब जांच एजेंसियां संदिग्धों की धरपकड़ की तैयारी में जुट गई है। संदिग्ध जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
जांच में कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आ चुके हैं
पुलिसिया जांच में कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आ चुके हैं। पुलिस जल्द ही इस पूरे प्रकरण से पर्दा हटा कर सबसे पहले न्यायालय में मामले को रखेगी। रांची हिंसा की जांच को लेकर झारखंड पुलिस उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस से लगातार संपर्क में है। इन दोनों राज्यों से झारखंड को जांच में भरपूर सहयोग भी मिल रहा है। सूत्रों की माने तो संदिग्धों की झारखंड पुलिस जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी। जांच में जुटी पुलिस को उम्मीद है कि संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई और राज खुलेंगे। रांची में इन संदिग्धों को किसने आश्रय दिया और जरूरत के सामान किसने मुहैया कराए, इसका भी खुलासा हो जाएगा
नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद रांची में हुई थी हिंसा
आपको बता दें कि निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पैगंबर हजरत मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद पूरे देश में मुसलमान जगह- जगह विरोध प्रदर्शन करने लगे। कई दूसरे देशों में भी इस घटना की खूब आलोचना होने लगी। राजधानी रांची में भी जुमे के नमाज के बाद प्रदर्शन के लिए लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने हिंसा और उपद्रव से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया था। भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग घायल हुए थे।