होम

वीडियो

वेब स्टोरी

आदिवासी-मूलवासी का सर्वांगीण विकास सरकार की अहम प्राथमिकता : हेमन्त

IMG 20240828 WA0394

Share this:

कोल्हान प्रमंडल की 06 लाख से अधिक माता-बहनों को सम्मान राशि का हस्तांतरण, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे हेमंत

गरीब परिवारों के पुराने बिजली बिल होंगे माफ़

Ranchi News: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि आदिवासी-मूलवासी का सर्वांगीण विकास सरकार की अहम प्राथमिकता है। श्री सोरेन ने ये बात रापचा फुटबॉल मैदान, गम्हरिया, सरायकेला-खरसावां में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि कोल्हान प्रमंडल की 06 लाख से अधिक माता-बहनों को “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” से जोड़ा जा चुका है। राज्य में इस महत्त्वाकांक्षी योजना से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 हजार माता-बहनों को जोड़ा जा रहा है। “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” अनवरत चलनेवाली योजना है, यह कभी खत्म होनेवाली योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 से 20 दिनों के अंदर राज्य की लगभग 48 लाख महिलाओं को इस योजना के लाभ से आच्छादित किये जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़े हैं। आनेवाले दोनों में जिस बेटी-बहन की उम्र 21 साल हो जायेगी, वे स्वत: इस योजना से जुड़ जायेंगी। 21 वर्ष से ऊपर की सभी बहन-बेटी-माताएं इस महत्त्वाकांक्षी योजना की हकदार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” के तहत सम्मान राशि का हस्तांतरण कार्यक्रम पिछले दिनों संताल परगना में भी आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में उपस्थित हजारों महिलाओं की भीड़ तथा उनके चेहरे की खुशी देख कर काफी अच्छा महसूस हुआ। भारी बारिश के बाद भी कार्यक्रम में शिरकत कर रहीं महिलाओं की खुशी, उत्साह, उमंग देखते बन रही थी। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” के तहत कोल्हान प्रमंडल की लाखों माता-बहनों को सम्मान राशि के हस्तांतरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रिमोट का बटन दबा कर “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” के तहत कोल्हान प्रमंडल की लगभग 06 लाख माता-बहनों के बैंक एकाउंट में डीबीटी के माध्यम से सम्मान राशि हस्तांतरण किया।

राज्य के आदिवासी-मूलवासी के विकास को समर्पित राज्य सरकार

1000601656

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यहां के मूलवासी और आदिवासी लोगों ने जिस उम्मीद और आकांक्षा के साथ एक मजबूत सरकार बनाने का काम किया है, उनकी आशा-आकांक्षा एवं उम्मीद के अनुरूप राज्य सरकार ने उनके सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित भाव से काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे आदिवासी समाज के लोग भी धीरे-धीरे प्रगति की राह में आगे बढ़ रहे हैं। पहले आदिवासी समाज से बहुत कम लोग ही न्यायाधीश, वकील, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस इत्यादि बड़े पदों पर दिखाई देते थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं। अब हमारे आदिवासी समाज के युवक-युवतियां भी इन पदों पर काबिज हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी बच्चों को भी एक बेहतर प्लेटफार्म देने का काम कर रही है। राज्य सरकार निरंतर अपनी जड़ों को मजबूत कर रही है। एक-एक कदम इस प्रकार आगे बढ़ाया जा रहे है, जिससे हमारे आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े वर्ग-समुदाय के लोग अपने हक-अधिकार की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में उनकी सरकार हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस (09 अगस्त) के मौके पर दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव मनाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए हर वे कार्य किये जा रहे हैं, जिससे उनकी सभ्यता एवं संस्कृति को संरक्षित रखा जा सके।

नियुक्तियों का सिलसिला जारी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक सम्पदाओं के मामले में धनी प्रदेश है। यहां की खनिज सम्पदाओं का पूरा लाभ यहां के आदिवासी-मूलवासी लोगों को आज तक नहीं मिल पाया है। झारखंड की खनिज सम्पदाओं का लाभ देश के बड़े-बड़े व्यापारियों को मिला है। आज स्थिति यह है कि 01 लाख 36 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार की विभिन्न खनन कम्पनियों के ऊपर राज्य का बकाया है। कई बार राज्य सरकार ने इस बड़ी बकाया राशि का भुगतान झारखंड को करने हेतु केन्द्र सरकार से आग्रह भी किया है। आज यहां का कोयला, अभ्रक, लोहा सहित अन्य बहुमूल्य खनिज सम्पदाओं से दूसरे राज्य रोशन हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित औद्योगिक संस्थानों में 75% नियुक्तियां स्थानीय लोगों की हों ; इस निमित्त उनकी सरकार ने कानून बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर नियुक्तियों में स्थानीय लोगों को महत्त्व नहीं दिया गया, तो कम्पनियों को काम भी करने नहीं दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से अपील की, कि वे अपने बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ाने पर जोर दें। आपके बच्चों के पढ़ाई में पैसा बाधा नहीं बनेगा, क्योंकि राज्य सरकार गुरुजी क्रेडिट कार्ड के तहत अब शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत 15 लाख रुपये तक की राशि शिक्षा ऋण स्वरूप छात्र-छात्राओं को दी जा रही है। अब उच्च शिक्षा के लिए आपको जमीन और गहने बंधक रखने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक एक लाख से ज्यादा युवक-युवतियों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का काम कर दिखाया है। 35 से 40 हजार सरकारी नौकरियां दी गयी हैं। आनेवाले कुछ महीनो में लगभग और 40 हजार सरकारी नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं। राज्य सरकार द्वारा नियुक्तियों का सिलसिला लगातार जारी है।

गरीब लोगों के पुराने बिजली बिल होंगे माफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अब बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली प्रतिमाह नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब लोगों के पुराने बिजली बिल का बकाया भी माफ किया जायेगा ताकि उनके ऊपर कोई बोझ न रहे और उन्हें 200 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के 02 लाख रुपये तक का ऋण माफी करने का काम किया है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत युवक-युवतियों को विभिन्न रोजगारों से जोड़ा जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका सहित कई क्षेत्रों में कार्यरत महिला-पुरुष कर्मियों के मानदेय में वृद्धि भी की गयी है।

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंची राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी योजनाएं

1000601653 1

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज भी झारखंड प्रदेश में कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जहां के लोग जिला कार्यालय तो छोड़िए, प्रखंड कार्यालय तक नहीं गये हैं। जिन्हें एसपी-डीसी, बीडीओ, सीओ तक के विषय में जानकारी नहीं है, वैसे लोगों तक योजनाओं को पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान चला कर गांव-गांव, घर-घर तक अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं को पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गयी है। अब वृद्धा पेंशन योजना की उम्र सीमा में भी संशोधन किया गया है। उनकी सरकार अब 60 वर्ष नहीं, बल्कि 50 वर्ष के उम्र से ही पात्र लाभुकों को वृद्धा पेंशन उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का काम वही सरकार कर सकती है, जो रांची हेडक्वार्टर से नहीं, बल्कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से चलती है। मुख्यमंत्री ने कहा आपकी दु:ख तकलीफों को उनकी सरकार नजदीक से देखने का काम करती है, उसी अनुरूप आपके कल्याण के लिए योजनाएं बनायी जाती हैं।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाया जा रहा है मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत करने पर लगी है। विभिन्न योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़ कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का निरंतर कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वैसे सभी पात्र लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र उपलब्ध करा रही है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि पिछले 20 वर्षों में पूर्ववर्ती सरकारें यहां के बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चियों को मान सम्मान नहीं दे सकीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार विद्यालयों में अध्यनरत 09 लाख से अधिक बच्चियों को सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना से जोड़ने का कार्य किया है। इस योजना के तहत 21 वर्ष के उम्र तक बच्चियों को आर्थिक सहयोग दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने यहां 11 लाख राशन कार्ड को रद्द करने का काम किया था, लेकिन उनकी सरकार ने 20 लाख नये राशन कार्ड निर्गत किये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का ऐसा कोई घर नहीं बचा है, जहां राज्य सरकार की योजनाएं नहीं पहुंची हैं।

कोरोना संक्रमण काल में झारखंड ने देश के सामने बेहतर मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता ने वर्ष 2019 में झारखंड में मूलवासी-आदिवासी का सरकार बनाने का काम किया। सरकार गठन के चंद दिनों बाद ही देश दुनिया एवं राज्य में कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी ने हम सभी को घरों के अंदर में रहने को मजबूर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के समय हमारी सरकार ने एक बेहतर मैनेजमेंट का उदाहरण पूरे देश में पेश किया। बिना कोई अपरा-तफरी के यहां के लोगों के जीवन की रक्षा की गयी। प्रवासी मजदूर भाई-बंधुओं को एयरलिफ्ट करा कर उनके घर तक पहुंचाने का कार्य उनकी सरकार ने की है। हवाई जहाज, रेल एवं सड़क मार्ग सहित विभिन्न माध्यमों से प्रवासी मजदूरों को वापस झारखंड लाया गया। कोरोना संक्रमण के समय सभी उद्योग-धंधे बंद हो गये वैसी स्थिति में भी उनकी सरकार ने लोगों को रोजगार से जोड़ते हुए एक बेहतर माहौल प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के लिए कोई भी आपदा एक अभिशाप से कम नहीं होता है। कोरोना संक्रमण काल में हमारे राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चलते हुए लोगों के प्राणों की रक्षा की। झारखंड जैसे गरीब प्रदेश के लिए कोरोना संक्रमण एक भयावह मंजर था, परंतु राज्य सरकार की सोच और बेहतर प्रयास से लोगों के घर तक राशन पहुंचाया गया। मेडिकल फैसेलिटीज से लेकर तमाम जरूरी व्यवस्थाएं की गयीं, जिससे जान माल की क्षति से लोगों को बचाया जा सका।इस अवसर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री बेबी देवी, सांसद जोबा मांझी, विधायक दशरथ गागराई, विधायक निरल पूर्ति, विधायक सविता महतो, विधायक मंगल कालिंदी, विधायक रामदास सोरेन, विधायक समीर कुमार मोहंती, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक संजीव सरदार, विधायक सुखराम उरांव, विधायक सोनाराम सिंकू सहित जिले प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

Share this:




Related Updates


Latest Updates