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विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के 18 विधायकों को सदन से किया निलम्बित

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा : आचरण सदन के अनुरूप नहीं

नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा : स्पीकर ने दिनदहाड़े की लोकतंत्र की हत्या

Ranchi news : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने भाजपा के 18 विधायकों को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने यह कार्रवाई विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के प्रस्ताव पर की। स्पीकर ने नियमावली 299 और 310 का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इसके लिए निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं और यह हमारा विशेषाधिकार है, जिसके बाद उन्होंने विपक्ष के 18 विधायकों को निलम्बित करने का फैसला सुनाया।’

दरअसल, बुधवार रात से ही भाजपा के विधायक नौकरी, बेरोजगारी भत्ता पर सरकार के जवाब को लेकर विधानसभा परिसर में ही रुक गये। इसके बाद गुरुवार सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो गिरिडीह से विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कई विधायकों के नाम लेकर स्पीकर से कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के कई नेताओं के नाम लेकर उनके आचरण को सदन के अनुरूप नहीं बताते हुए निलम्बित कर दिया।

लोकतंत्र की हत्या दिनदहाड़े स्पीकर ने कर दी : बाउरी 

18 विधायकों के निलम्बन के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या दिनदहाड़े स्पीकर ने कर दी है। बिना किसी दोष के स्पीकर ने जो रवैया अपनाया है, उससे यह पता चलता है कि सरकार निरंकुश हो चुकी है। सुदिव्य कुमार सोनू के कहने पर इस तरह से हमें निलम्बित कर दिया गया है। आज पूरे भारत के इतिहास में पहली बार 18 विधायकों को निलम्बित किया गया है। जिन चुनावी वादों पर सरकार सत्ता में आयी थी, आज उसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। स्पीकर ने जो हमारे अधिकार को छीना है, कांग्रेस ने पहले इमरजेंसी लगायी थी, आज कांग्रेस जेएमएम ने मिल कर अघोषित इमरजेंसी लागू की है। मीडियाकर्मियों के जाने पर भी रोक लगा दी है।

आचरण की बात का पता वीडियो देखने से लग जाएगा

अमर बाउरी ने कहा कि स्पीकर, जो आचरण की बात कर रहे हैं, उनके पहले का वीडियो आप देख लीजिए ; किस तरह से वह व्यवहार करते थे। हमने ऐसा कुछ भी व्यवहार नहीं किया है, फिर भी हमें निलम्बित कर दिया गया है। सरकार के इस रवैये को जनता देख रही है। विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें उखाड़ कर फेंकेगी। स्पीकर हाथ उठा कर चैलेंज कर रहे हैं। उन्हें देख कर ऐसा लगता ही नहीं कि वह विधानसभा के स्पीकर हैं। किसी भी स्पीकर ने आज तक ऐसा व्यवहार नहीं किया है।

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