Jharkhand moves fast towards digitalization : देश के साथ-साथ झारखंड भी तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। जल्द ही झारखंड के एक-एक लोगों का डिजिटल हेल्थ अकाउंट होगा। यह अकाउंट पूरे देश में मान्य होगा। मरीज देश के किसी भी अस्पताल में जाकर उस एकाउंट पर क्लिक करेगा तो उसकी पूरी हेल्थ हिस्ट्री डॉक्टर के सामने उपलब्ध होगी, लिहाजा उसका जल्द और सटीक इलाज शुरू हो सकेगा। आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा कार्ड) के नाम से प्रचलित यह कार्ड डिजिटल हेल्थ अकाउंट के नाम से भी जाना जाता है।
… तो आपके पास होगा आपका 14 अंकों का हेल्थ आईडी नंबर
आपको बता दें कई बार लोग भूलवश आयुष्मान कार्ड को ही आभा कार्ड समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि इन दोनों में कुछ मूल अंतर है। दरअसल आभा कार्ड में इलाज के दौरान दवाइयां व जांच की जाती हैं और उन सभी का रिकॉर्ड सेव कर लिया जाता है। इसके बाद आपको 14 अंकों का हेल्थ आईडी नंबर मिलता है। जब आप अगली बार किसी भी डॉक्टर के पास जाएंगे तो वह इस हेल्थ अकाउंट नंबर के जरिए आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री जान जाता है। जबकि आयुष्मान कार्ड एक हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड है, जो गरीबों के लिए है।
सर्वाधिक डिजिटल हेल्थ अकाउंट पूर्वी सिंहभूम में
जहां तक झारखंड की बात है सर्वाधिक लगभग 700000 अकाउंट पूर्वी जिले के पास है। इस मामले में लगभग साढ़े पांच लाख अकाउंट के साथ राजधानी रांची दूसरे, जबकि साढ़े लाख से अधिक अकाउंट के साथ धन्यवाद इस मामले में तीसरे स्थान पर है।