Bihar (बिहार) और Jharkhand (झारखंड) में मोबाइल सेवाएं बंद होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कथित यूनियनों ने इन दो राज्यों में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने की धमकी टावर फर्मों को दी है। इस संबंध में भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं की एक शीर्ष प्रतिनिधि संस्था ‘डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन’ (डीआईपीए) ने 29 मार्च को को बिहार और झारखंड की सरकारों से “स्व-घोषित” यूनियनों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के महानिदेशक टीआर दुआ के अनुसार, “एक स्व-घोषित यूनियन ने विशेष रूप से मौद्रिक लाभ के संबंध में उनकी कथित अवैध मांगों को पूरा नहीं करने पर दोनों राज्यों – बिहार और झारखंड में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के लिए एक अवैध धमकी दी है।” उन्होंने कहा, “हमने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और बिहार के मुख्य सचिव अमीर सुभानी से अनुरोध किया है कि वे सभी जिलों में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्बाध दूरसंचार कनेक्टिविटी और दूरसंचार कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने में तत्काल हस्तक्षेप करें।”
DIPA के सदस्य और उनका संकट
डीआईपीए के सदस्यों में इंडस टावर्स, अमेरिकन टावर कॉर्पोरेशन, समिट डिजीटेल (रिलायंस जियो इंफ्राटेल) और टावर विजन शामिल हैं। DIPA ने कहा, “डीजल की कमी यूनियनों को रास नहीं आ रही है और अगर डीजल की सप्लाई में एक लीटर भी कटौती की जाती है, तो वे जबरदस्ती कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं।” टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं ने समर्थन के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया है। डीआईपीए ने कहा, “शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन उपद्रवियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है और यूनियनों द्वारा दूरसंचार टावरों को बंद कर दिया गया है।”