Bhojpuri singer Pawan Singh will not contest Lok Sabha elections from Asansol, withdrew his name, West Bengal news, Entertainment news, Asansol news, Asansol Loksabha seat, Bhojpuri singer Pawan Singh : भोजपुरी के जाने माने गायक और अभिनेता पवन सिंह ने भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर आसनसोल से अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने रविवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स के जरिये इस बात की घोषणा की। उन्होंने टिकट देने के लिए भाजपा नेतृत्व का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि वह ‘‘किसी कारणवश’’ आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दिल से आभार प्रकट करता हूं। पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताते हुए मुझे आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारणवश में अब आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा…।’ उन्होंने आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है।
फिलहाल शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल के सांसद हैं
बता दें कि भाजपा काफी समय पहले से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। इसी आलोक में शनिवार को पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में पवन सिंह सहित 195 उम्मीदवारों के नाम तय किए गए थे। इस सूची के मुताबिक भोजपुरी स्टार को पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। फिलहाल इस सीट से टीएमसी नेता और बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा सांसद है
इस कारण पवन सिंह और भाजपा ने बदला निर्णय
बताते चले कि आसनसोल लोकसभा सीट पर पवन सिंह को उम्मीदवार घोषित करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की कड़ी आलोचना की थी। टीएमसी ने आरोप लगाया था कि पवन सिंह के कई गाने असभ्य हैं। उनके गानों और वीडियो में पश्चिम बंगाल की महिलाओं सहित अन्य महिलाओं को गलत ढंग से चित्रित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस के कड़े विरोध के बाद पवन सिंह ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया। भाजपा को कि इस बात का डर सता रहा था कि कहीं पवन सिंह के मामले को लेकर विवाद खड़ा ना हो जाए। इसलिए भाजपा ने पवन सिंह को आसनसोल से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने को कहा था। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी पिछले कई दिनों से संदेशखाली मामले पर तृणमूल कांग्रेस को घेरती आ रही थी। इस मामले में टीएमसी बैक फुट पर चली गई थी। लेकिन पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिए जाने के बाद वह भाजपा पर हमलावर हो गई थी। इसलिए समय रहते भाजपा ने अपना निर्णय वापस ले लिया।