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Big Action : NIA और झारखंड पुलिस ने नेपाल में PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को दबोचा, लाया गया रांची

Big Action : NIA और झारखंड पुलिस ने नेपाल में PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को दबोचा, लाया गया रांची

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Jharkhand Update News, Ranchi ,Dinesh Gope Arrested In Nepal : आतंक का पर्याय कहा जाने वाला 30 लाख का इनामी पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) सुप्रीमो दिनेश गोप रविवार को दबोच लिया गया। मिल रही जानकारी के अनुसार, उसे पड़ोसी देश नेपाल में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और झारखंड पुलिस के संयुक्त प्रयास से पकड़ा गया। बता दें कि झारखंड सरकार ने उस पर 25,00000 इनाम रखा था साथ ही एनआईए ने भी 5,00000 का इनाम रखा था। उसे एनआईए और झारखंड पुलिस की टीम नेपाल से लेकर रांची पहुंच चुकी है।

जाना चाहता था फौज में

यह सर्वविदित है कि दिनेश गोप झारखंड के खूंटी, रांची, सिमडेगा, चाईबासा, गुमला, लोहरदगा जैसे जिलों के लिए दहशत का दूसरा नाम था। झारखंड के नक्सल प्रभावित जिला खूंटी के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लप्पा मोहराटोली गांव का है दिनेश। गांव के लोग बताते हैं कि एक समय दिनेश भारतीय सेना में जाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने शारीरिक परीक्षा सहित दूसरी मेरिट लिस्ट को भी कंप्लीट किया था। कहा यह भी जाता है कि सेना ने पत्र भी दिनेश गोप को भेजा गया था, लेकिन वह उसे मिला ही नहीं। उसी के गांव के कुछ दबंगों ने उस लेटर को दिनेश गोप तक पहुंचने नहीं दिया। 

एनकाउंटर में साल 2000 में मारा गया था दिनेश का भाई सुरेश

सेना का लेटर न पहुंचने देने की जानकारी जब दिनेश गोप के भाई सुरेश को हुई तो वह दबंगों का विरोध करने लगा। दबंगों के विरोध की वजह से वह उनके निशाने पर आ गया और दबंगों से बचने के लिए वह नक्सलियो के साथ हो गया। साल 2000 में दिनेश का भाई सुरेश पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया। सुरेश के मारे जाने के बाद दिनेश गांव छोड़कर भाग गया। जब वह वापस लौटा,तब  सीधा सादा दिनेश गोप नहीं था। वह उग्रवादी संगठन जेएलटी के साथ लौटा। जेएलटी का नाम ही आगे चलकर साल 2007 में पीएलएफआई हुआ। इसका सुप्रीमो बना दिनेश। 

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