Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

Big decision : झारखंड के शहरों में बने अनाधिकृत मकानों और घरों को नियमित करेगी हेमंत सोरेन सरकार 

Big decision : झारखंड के शहरों में बने अनाधिकृत मकानों और घरों को नियमित करेगी हेमंत सोरेन सरकार 

Share this:

Ranchi Jharkhand news : झारखंड के शहरों में अनाधिकृत रूप से बने मकानों (unauthorized houses and building) और घरों को नियमित करेगी।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद शुक्रवार को इसका प्रारूप तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। समिति विभिन्न राज्यों में अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने को लेकर बनाई गई नीति का अध्ययन करेगी। उसी के अनुसार राज्य में ऐसे निर्माण को नियमितीकरण संबंधी प्रारूप तैयार कर नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपा जाएगा। समिति के अध्यक्ष और सदस्य आवश्यकतानुसार संबंधित राज्यों का भ्रमण भी कर सकते हैं, ताकि नियमितीकरण की योजना को मूर्त रूप देने में उनका अध्ययन सहायक साबित हो सके। अध्ययन में निकलकर आए तथ्यों और संबंधित राज्यों में नियमितीकरण को लेकर की गई कार्रवाई प्रारूप का हिस्सा बनेगी। 

सीएम की घोषणा के बाद उच्चस्तरीय समिति गठित 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (chief minister Hemant Soren) की घोषणा के बाद इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित कर दी गई है। नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, गिरिडीह नगर निगम के नगर आयुक्त, भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, नगर विकास एवं आवास विभाग के तकनीकी कोषांग के मुख्य अभियंता, अग्निशमन सेवा के महानिदेशक, योजना विकास विभाग के संयुक्त निदेशक, नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव/उप सचिव और नगर निवेशक सदस्य होंगे।

मुख्यमंत्री से झारखंड चैंबर्स ने किया था अनुरोध

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री से राज्यसभा सदस्य महुआ माजी (mahua Manjhi) के नेतृत्व में 20 अक्टूबर को फेडरेशन आफ झारखंड चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर राज्य के शहरी इलाकों में बिना नक्शे के निर्मित भवनों और संरचनाओं के नियमितीकरण करने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया था। प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि ऐसे आवासों में रहनेवाले लोगों के लिए यह मामला उनकी भावना, जीवन और परिवार तथा बुनियादी जरूरतों से जुड़ा हुआ है। लंबे समय से इन आवासों में बसे लोगों के आवासों को अब नियमित कर देना ही उचित होगा। मुख्यमंत्री (chief minister) ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि इस दिशा में सरकार सकारात्मक पहल ( positive initiative) करेगी। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने त्वरित पहल करते हुए उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग को दिया।

Share this: