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बड़ा खुलासा : धनबाद में कारोबारी की हत्‍या के लिए महज 10-10 हजार रुपए में आरा से बुलाए गए थे शूटर

बड़ा खुलासा : धनबाद में कारोबारी की हत्‍या के लिए महज 10-10 हजार रुपए में आरा से बुलाए गए थे शूटर

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Rajganj Dhanbad crime news: पिछले दिनों राजगंज थाना क्षेत्र के खरनी मोड़ के समीप रहने वाले जूस कारोबारी ज्योति रंजन की हत्या में शामिल बिहार के आरा (भोजपुर) निवासी शूटर राहुल और सोनू को पुलिस ने सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इधर, सोमवार को राजगंज थाना प्रभारी संतोष कुमार और इंस्पेक्टर भिखारी राम ने इस मामले में मीडिया को बताया कि मृतक के भाई सौरभ शर्मा के कहने पर श्रीकांत मिश्रा (तेतुलमारी निवासी) हत्या करवाने के लिए 22 सितंबर को शूटर ठीक करने आरा गया था।

26 सितंबर को धनबाद आया और फिर उसी दिन बाइक से श्रीकांत के साथ आरा रवाना हो गया था राहुल

आरा में वह राहुल से मिला था। इस दौरान कारोबारी ज्योति रंजन की हत्या कराने के लिए सूटर ठीक किए गए वह भी मात्र दस- दस हजार रुपए में। मामला तय होने के बाद 26 सितंबर को राहुल आरा से धनबाद स्बरटांड़ बस स्टैंड आया। यहां लोकेशन की जानकारी लेने के बाद वह उसी दिन श्रीकांत संग मोटरसाइकिल से आरा लौट गया। 27 सितंबर को आरा में वह श्रीकांत को कुंदन उर्फ चंदन और सोनू से मिलवाया। इसके बाद एक लाख रुपए में ज्‍योति रंजन की हत्‍या करने का सौदा तय हो गया। श्रीकांत ने तत्काल 50 हजार रुपये दिए, जिसमें से राहुल ने खुद 30 हजार रुपये अपने रखे और 10-10 हजार रुपए चंदन और सोनू को दिए थे।

एडवांस लेने के बाद 27 सितंबर को धनबाद पहुंचे शूटर

हत्या के लिए एडवांस पैसा लेने के बाद 27 सितंबर की शाम श्रीकांत और तीनों करीब साढ़े छह बजे धनबाद पहुंचे थे। हत्‍या की साजिश रचने में जेल भेजे गए मृतक के भाई सौरभ शर्मा ने बरवाअड्डा स्थित होटल शिला इन के कमरा नंबर 102 में इन सब को रुकवाया। 28 सितंबर को श्रीकांत ने तीनों शूटरों को सनसाइन काउंटी काॅलोनी का पूरा क्षेत्र भ्रमण कराया। इसी दौरान यह तय हुआ कि काॅलोनी के मेन गेट पर ही ज्योति रंजन की हत्या की जाएगी। श्रीकांत ने ज्योति रंजन का फोटो अपराधियों को देकर कार का रंग और नंबर बता दिया। हत्या की पूरी योजना बन जाने के बाद 29 नवंबर को शाम करीब साढ़े छह बजे शूटरों को घटनास्थल पर ले जाया गया।

कॉलोनी के गेट के पास झाडि़यों में बैठा था राहुल

काॅलोनी के मेन गेट पर कारोबारी ज्योति रंजन की हत्या करने  के लिए राहुल पिस्टल और चंदन कट्टा लिए झाड़ी में छिपे हुए थे। तीसरा शूटर सोनू राजगंज-बरवाअड्डा रोड के दूसरे छोर पर और श्रीकांत खरनी मोड़ पर खड़ा था। शाम लगभग साढ़े सात बजे ज्योति रंजन पत्‍नी और बेटे के साथ काॅलोनी गेट के समीप पहुंचे। गेट बंद देख कारोबारी ज्योति रंजन की पत्‍नी कार से नीचे उतरी। कार का गेट खुल जाने पर राहुल ने बाईं ओर से ज्योति पर फायर कर दिया। एक गोली सिर में और दूसरी गोली गर्दन में लगी। चंदन ने कट्टा से फायर किया, लेकिन मिस हो गया। 

हत्या के बाद श्रीकांत ने शूटरों को होटल पहुंचाया

ज्योति की मौत की पुष्टि हो जाने के बाद श्रीकांत ही सोनू और चंदन को अपनी मोटरसाइकिल से होटल ले गया। राहुल पीछे से ऑटो पकड़कर पहुंचा। कुछ समय बाद राहुल मोटरसाइकिल लेकर निकल गया, जबकि चंदन और सोनू धनबाद रेलवे स्टेशन जाकर गंगा दामोदर एक्सप्रेस ट्रेन से जहानाबाद पहुंचे। फिर वहां से बस पकड़ कर आरा स्थित अपने गांव पहुंचे। 2 सितंबर को राजगंज थाना की पुलिस ने शूटर राहुल और सोनू को उसके घर से पकड़ा, जबकि तीसरा आरोपित चंदन अभी फरार है।

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