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बड़ी कामयाबी : पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिकता प्राप्त फरीदा नाम बदलकर रह रही थी भारत में, नेपाल जाने के क्रम में किशनगंज में पकड़ाई

बड़ी कामयाबी : पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिकता प्राप्त फरीदा नाम बदलकर रह रही थी भारत में, नेपाल जाने के क्रम में किशनगंज में पकड़ाई

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Kishanganj Bihar latest news : बिहार के किशनगंज जिले के गलगलिया में नेपाल सीमा पर पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिकता प्राप्त फरीदा नाम बदलकर भारत में रह रही थी। वह 17 अक्टूबर को कतर से नई दिल्ली पहुंची थी। वह नई दिल्ली से फ्लाइट पकड़ कर एक नवंबर को बागडोगरा पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से बिहार के किशनगंज पहुंच गई। यहां से वह नेपाल जा रही थी, परंतु तो पुलिस ने उसे रास्ते में पकड़ी गई। फरीदा की गिरफ्तारी पुलिस की बड़ी कामयाबी बताई जा रही है।

फरीदा के पास अमेरिकी पासपोर्ट, लेकिन वीजा नहीं

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पकड़ी गई फरीदा को थाने ले जाती किशनगंज पुलिस।

फरीदा के पास से अमेरिका में बना ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट पुलिस को मिला है। दोनों डाक्यूमेंट्स में उसका नाम फरीदा मलिक अंकित है। उसके पास से नोएडा के एक फिल्म इंस्टीच्यूट का परिचय पत्र भी मिला है। उसमें उसका नाम सना अख्तर अंकित है। उसी संस्थान के कार्ड पर वह टिकट बुक कराकर भारत के विभिन्न हिस्सों में घूम रही थी। इसी कार्ड के सहारे वह भारत से नेपाल जाने की फिराक में थी। उसके पास अमेरिका का पासपोर्ट था, लेकिन वीजा नहीं था।

पूछताछ के बाद जेल भेजी गई फरीदा

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पुलिस द्वारा जप्त किया गया फरीदा का आई कार्ड।

पूछताछ के बाद विदेशी अधिनियम और दोहरी नागरिकता सहित अन्य आरोपों में केस कर उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले में किशनगंज एसपी डा. इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि पूछताछ में उसने पाकिस्तानी मूल की होने और बाद में अमेरिका के कैलिफोर्निया की नागरिकता प्राप्त करने की बात बताई है। कुछ दस्तावेज भी उसके पास से बरामद हुए हैं। उसके पास से कई एयर टिकट मिले हैं।

दोनों नाम पर बने हुए हैं एयर टिकट

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पूछताछ के लिए थाने लाई गई फरीदा।

फरीदा के पास से मिले एयर टिकट में कुछ फरीदा तो कुछ सना के नाम से बने मिले हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार से पत्राचार किया गया है। वहां से मिले दिशा-निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ के दौरान उसने जयपुर और उदयपुर समेत कुछ अन्य जगहों पर अपने रिश्तेदारों के होने की बात बताई, लेकिन वह कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाई है। पुलिस ने अनुसार वह उत्तराखंड के हलद्वानी जेल में 11 माह तक रह चुकी है। फिलहाल कुछ अन्य जांच एजेंसियां भी उससे पूछताछ कर रही हैं। भारत में नाम बदलकर रहने व नेपाल जाने के पीछे की मंशा के बारे में उसने अभी कुछ नहीं बताया है।

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