बस्ताकोला क्षेत्र के सीकेडब्ल्यू साइडिंग का काम प्रबंधन ने किया बंद, आउटसोर्सिंग परियोजना की ओर से मिट्टी हटाने का काम जारी विरोध में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन और मासस ने बोरागढ जाने वाली कोयला का डिस्पैच ट्रांसपोर्टिंग बंद कर आंदोलन में चले गए। नेतृत्व कर रहे राजेंद्र पासवान का कहना था कि प्रबंधन ने वादाखिलाफी की है। दो दिन पूर्व जब हम लोग रेक रोके थे, तो कहा गया था कि अभी बंद नहीं होगा और अचानक मजदूरों की हाजिरी बंद कर दी। साइडिंग मैं 244 मजदूर 40 वर्षों से काम करते आ रहे हैं बिना कोई नोटिस दिए ही बंद करना कहां का न्याय संगत है इन मजदूरों का क्या होगा। बार-बार सूचना देने के बाद भी प्रबंधन वार्ता नहीं की इसलिए हम लोग गोलकडीह लोडिंग पॉइंट से होने वाली कोयला का ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने देंगे। यहां का मजदूर भूखे मरेगा और दूसरे जगह कोयला जाएगा यह नहीं होने देंगे।
परियोजना पदाधिकारी को नहीं है इस बारे में जानकारी
बस्ताकोला और लोदना क्षेत्र का चक्का जाम होगा। आज शुरुआत है। 40 लाख टन गोलकडीह लोडिंग प्वाइंट से कोयले ले जाने का टेंडर मिला है। वर्तमान में पेटी कांटेक्ट में जिंदल पीएनटीसी, पीटीपीएल कोयले का धुलाई कर रही थी जिसको रोक दिया गया गया। मौके पर कामता पासवान नरेश निषाद राम प्रसाद यादव अशोक राम हरे राम पासवान लक्ष्मी देवी रेखा देवी आदि मजदूर शामिल थे। केओसीपी के परियोजना पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अभी बंदी की हमें जानकारी नहीं है।
आंदोलनकारियों से बात कर रास्ता निकालेंगे : जीएम
इधर, वास्ताकोला क्षेत्र के जीएम सोमन चटर्जी ने कहा कि उच्च अधिकारी के आदेश पर यह किया गया है देश के लिए कोयला निकालना जरूरी है। साइडिंग के नीचे कोयला है। आंदोलनकारियों से वार्ता कर समस्या का समाधान करेंगे।
लोदना क्षेत्र के जी एम एके दत्ता ने कहा कि अभी केवल मिट्टी हटाने का काम चल रहा है ताकि आउटसोर्सिंग का कैंप बनाया जा सके उसके बाद परियोजना फुल फेज में चलाई जाएगी। सीके साइडिंग के सवाल पर कहा कि बस्ता कोला क्षेत्र के महाप्रबंधक वहां का समस्या का समाधान निकालेंगे।