Bihar News, VTR : बिहार में पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के आसपास के लोगों के लिए मौत का कारण बन चुका आदमखोर बाघ (Cannibal Tiger) आखिरकार 7 अक्टूबर को मार दिया गया। उसके बाद वहां के लोगों ने राहत की सांस ली। बिहार पुलिस के शूटरों ने बाघ को ढेर कर दिया। पुलिस ने बाघ को 4 गोलियां मारी। इस खूंखार बाघ ने 1 महीना से पूरे क्षेत्र में आतंक मचा रखा था। अब तक 9 लोगों को मार चुका था। आज भी उसने एक मां बेटे को शिकार बनाया था।
पहले कराया जाएगा बाघ का पोस्टमार्टम
आदमखोर बाघ की मौत के बाद उसका नामोनिशान मिटा दिया जाता है। इसके लिए जो एसओपी बनाई गई है, उसमें बाघ का पहले पोस्टमॉर्टम कराया जाता है। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई होती है। फिर उसे अफसरों की मौजूदगी में जलाया जाता है। आग के हवाले तब तक किया जाता है, जब तक उसका पूरा नामोनिशान नहीं मिट जाता है। पोस्टमॉर्टम के लिए पूरी टीम गठित की जाती है। इसके अलावा फील्ड निदेशक की उपस्थिति या एक प्राधिकृत अधिकारी जो उप वन संरक्षक के पद से नीचे का न हो, की मौजूदगी में ही अंतिम संस्कार किया जाता है।
शव को जलाने की होगी वीडियोग्राफी
बाघ के शव को जलाने के दौरान पूरी वीडियोग्राफी कराई जाती है। इस दौरान सामाजिक संस्था का प्रतिनिधित्व करने वालों को भी रखा जाता है। फोटोग्राफ और वीडियोग्राफी के साथ साइट छोड़ने से पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि बाघ की हड्डियां सहित शव पूरी तरह से जल चुका है। बाघ के शव को जलने के बाद निपटान पर एक ‘पंचनामा (मेमो) तैयार किया जाता है। इस पर पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम और प्रभारी अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षर किया जाता है। इसके बाद एक अंतिम रिपोर्ट को NTCA को सूचित करते हुए सहायक तस्वीरों के साथ भेजा जाता है।