उम्र कैद की काट रहा था सजा
Hazaribag News: उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी शाहिद अंसारी ने सुरक्षा कर्मी हवलदार की हत्या कर दी और फरार हो गया। शाहिद अंसारी का हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उसने सुरक्षा में तैनात हवलदार चौहान हेम्ब्रम की लोहे की रॉड से मार कर हत्या कर दी। घटना के बाद हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह, एसडीओ समेत कई पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गये। पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है। वहीं, जांच में फॉरेंसिक टीम की भी मदद ली जा रही है। फरार हत्यारे को गिरफ्तार करने के लिए पूरे इलाके में ओपेरा चलाया जा रहा है।
प्रिंस गिरोह से बताये जा रहे हैं ताल्लुकात
41 वर्षीय शाहिद अंसारी को धनबाद जेल से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। उसके ऊपर दो मामले धनबाद में चल रहे थे। सुदामडीह थाना में केस संख्या 40/17 के तहत धारा 341, 323, 354,356डी, 306, रेप समेत पोक्सो का मामला दर्ज है। वहीं, पाथरहीह थाना में कांड संख्या 40/ 18 के तहत धारा 302, 201, 382 के तहत मामला दर्ज है। कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनायी है। वह मूल रूप से धनबाद का रहनेवाला है। इसके ताल्लुकात प्रिंस गिरोह से बताये जा रहे हैं, जो धनबाद का खूंखार गिरोह है।
पुलिस ने की तहकीकात शुरू,फॉरेंसिक टीम की भी ली जा रही मदद
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाहिद अंसारी के शरीर के दाहिने हिस्सा में झिनझिनी रहती थी। इस कारण उसने एम्स में इलाज कराने के लिए आवेदन भी दिया था। लेकिन, इसका आवेदन अस्वीकार करते हुए हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। शाहिद पिछले 14 दिनों से वहां इलाज करा रहे थे। घटना के बाद हजारीबाग एसपी उन्होंने फॉरेंसिक की मदद से जांच शुरू की है। इस दौरान हजारीबाग सदर अनुमंडल पदाधिकारी और थाना प्रभारी भी उपस्थित थे। घटना के बारे में हजारीबाग एसपी ने अभी कुछ भी नहीं कहा है। दूसरी ओर, एसडीओ शैलेश कुमार सिंह भी कुछ कहने से बचते रहे।
सुरक्षा व्यवस्था पर भी उठ रहे है सवाल
ये अधिकारी लगभग 02 घंटे तक एसपी मेडिकल कॉलेज प्रताप परिसर में उपस्थित रहे, जिन्होंने सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना को देखा। इसमें यह स्पष्ट दिख रहा है कि कैदी शाहिद अंसारी घटना को अंजाम देकर बाहर निकल रहा है। उस दौरान कोई भी सुरक्षाकर्मी बाहर तैनात नहीं थे। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से यह पहला मामला नहीं है जब कोई कैदी फरार हुआ हो। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। वर्तमान समय में 30 होमगार्ड के जवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तैनात किये गये हैं। वहीं, निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात हैं। रात के समय महज एक सुरक्षा कर्मी की बदौलत कैदी वार्ड रहता है। कैदी वार्ड के बाहर भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं। एक मुख्य दरवाजा है, जिससे डॉक्टर, मरीज और आम आदमी का आना-जाना होता है। घटना को अंजाम देकर बड़े इत्मीनान के साथ अपराधी फरार हो गया।