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उर्दू भाषा के शिक्षकों के पद समाप्त किये जाने के निर्णय को लेकर अंजुमन तरक्की उर्दू के केन्द्रीय प्रतिनिधि एम जेड खान ने लिखा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र 

उर्दू भाषा के शिक्षकों के पद समाप्त किये जाने के निर्णय को लेकर अंजुमन तरक्की उर्दू के केन्द्रीय प्रतिनिधि एम जेड खान ने लिखा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र 

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Ranchi news : उर्दू भाषा के शिक्षकों के पद समाप्त किये जाने के निर्णय के संदर्भ को लेकर झारखंड अंजुमन तरक्की उर्दू के केन्द्रीय प्रतिनिधि  एम जेड खान ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने सीएम से  सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी उस आदेश को तुरन्त वापस लेने का अनुरोध किया है, जिसमें उर्दू प्रशिक्षित शिक्षक के शत-प्रतिशत पद एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक संवर्ग के 50 प्रतिशत सीधी नियुक्ति से भरे जानेवाले पद को ‘मरणशील’ संवर्ग ( Dying cadre) घोषित कर उर्दू शिक्षकों की सीधी बहाली पर रोक लगा दी गयी है।

असंवैधानिक कार्रवाई से चकित हूं 

मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में एम जेड खान ने कहा है, ‘हम उर्दू भाषी निदेशालय की इस अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक कार्रवाई से चकित हैं, क्योंकि निदेशालय का यह कदम माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप नहीं है। साथ ही, निदेशालय को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना राज्य कैबिनेट के निर्णय के किसी संवर्ग को ‘मरणशील’ घोषित कर दे। ये आदेश  न केवल अलोकतांत्रिक हैं, बल्कि  राज्य की एक बड़ी आबादी को शैक्षणिक, मानसिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक  एवं आर्थिक रूप से प्रभावित करनेवाला भी है। यह राज्य की सेकुलर छवि को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करेगा।’

राज्य की दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है

एम जेड खान ने सीएम को बताया है कि उर्दू भाषा को एकीकृत बिहार के समय से ही राज्य की दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसकी  पुष्टि झारखंड बनने की बाद सरकारी गजट में भी की गयी है। उन्होंने कहा है कि उर्दू शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति करने के बजाय पदों को ही समाप्त करने की कोशिश राज्य के उर्दू भाषी लोगों के साथ अन्याय है। अभी भी वर्षों से 3500 से अधिक सरकारी विभागों में उर्दू के पद  रिक्त हैं, जिन्हें भरा जाना शेष है। उर्दू के साथ यह अन्याय असहनीय है। 

एम जेड खान कहते हैं, ‘उर्दू भी संविधान से मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में एक है। इसे भी वे सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो अन्य 22 भाषाओं को मिल रही हैं। हम अंजुमन तरक्की उर्दू झारखंड की ओर से इस सरकारी आदेश, जो बिना कैबिनेट मंजूरी के लागू किया जा रहा है, को वापस लिये जाने की विनम्र अपील करते हैं, ताकि भाषाई द्वंद्व की स्थिति पर विराम लगे।’

उर्दू शिक्षकों की बहाली के व्यवधान को खत्म करायें

अंजुमन तरक्की उर्दू के केन्द्रीय प्रतिनिधि एम जेड खान ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से कहा है, ‘आपसे अनुरोध करते हैं कि इस संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप कर उर्दू शिक्षकों की बहाली में आये व्यवधान को खत्म करायें और प्रस्तावित सर्कुलर को अविलम्ब निरस्त किये जाने का आदेश दिया जाये, ताकि उर्दू आबादी में जो नाराजगी है, वह समाप्त हो। उन्होंने सीएम से अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने की इच्छा भी जतायी है। इस निमित्त एम जेड खान ने मुख्यमंत्री श्री सोरेन से 10 मिनट का समय भी मांगा है।

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