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रांची हिंसा मामले में 11 नामजद आरोपियों के विरुद्ध सीआईडी ने चार्ज शीट दाखिल की

रांची हिंसा मामले में 11 नामजद आरोपियों के विरुद्ध सीआईडी ने चार्ज शीट दाखिल की

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RANCHI JHARKHAND NEWS : झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद उपद्रव, पत्थरबाजी व गोलीबारी मामले में सीआइडी ने शनिवार देर रात 11 नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। जिन आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें मोहम्मद अमजद, इरफान जुवेर आलम उर्फ इरफान अंसारी, मोहम्मद माज, अरमान हुसैन, सरफराज आलम, शहबाज, अफसर आलम व रमजान अली व तीन अन्य लोग शामिल हैं। उपद्रव के दौरान मारे गए मुद्दस्सिर उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल के नाम भी चार्जशीट में है। सभी आरोपियों पर षडयंत्र के तहत सुनियोजित तरीके से बवाल मचाने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने, शहर को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास करने व उन्हें उपद्रव से रोकने पहुंचे पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमला करने के आरोपों की पुष्टि हुई है। सीआइडी ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि अन्य आरोपियों के विरुद्ध जांच जारी है।

रांची हिंसा में दो लोगों की हुई थी मृत्यु

पैगंबर पर की गई टिप्पणी मामले में निलंबित भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में रांची के मेन रोड में उपद्रव व गोलीबारी तथा पत्थरबाजी में विरोध मार्च निकालने वाले जुलूस में शामिल दो युवकों की जान चली गई थी। इस घटना में दोनों तरफ से दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी व आम लोग जख्मी हुए थे। इस पूरे प्रकरण में रांची के डेली मार्केट थाने में मुख्य प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसे सरकार के निर्देश पर जांच के लिए सीआइडी को सौंपा गया था। सीआइडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा कांड के अनुसंधानकर्ता बनाए गए थे। इस प्रकरण से संबंधित अभी 47 केस की जांच रांची पुलिस कर रही है।

गाजीपुर व पटना के आरोपितों की खोज जारी

राजधानी रांची में उपद्रव की आग भड़काने में यूपी व बिहार कनेक्शन सामने आया था। पुलिस अनुसंधान में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आए तीन लोगों के अलावा बिहार के पटना से आए तीन लोगों ने भी भीड़ को उपद्रव के लिए उकसाया। खूंटी के कुछ उपद्रवियों की भी पुलिस को जानकारी मिली थी। अब तक बिहार उत्तर प्रदेश के साजिशकर्ता नहीं पकड़े जा सके हैं, वहीं खूंटी के उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए भी कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। घटना के कुछ दिन पहले से इसकी तैयारी चल रही थी। उपद्रव के मार्ग में कई छतों पर सुनियोजित तरीके से ईंट-पत्थर जुटाकर रखे गए थे। बवाल, पत्थरबाजी व फायरिंग के वक्त उपद्रवी बोरे में भरकर पत्थर ले गए थे, जिसकी पुष्टि हो चुकी है। 

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