✓ 79 करोड़ की लागत से चल रहा निर्माण कार्य
✓ ग्रामीणों ने अनियमितता का लगाया आरोप
✓ बांध से पू.चं व शिवहर दोनों का है जुड़ाव
✓ संभावित बाढ़ पूर्व प्रशासनिक तैयारी फेल
आदित्य कुमार सिंह, पताही (पूर्वी चंपारण)। प्रखंड अंतर्गत लालबेया व बागमती नदी पर बन रहे बांध में आई दरार ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। बांध में करीब सात जगहों पर दरार आ गई है। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। बताया जाता है कि 79 करोड़ रूपए की लागत से तीन किमी में बांध का निर्माण कार्य चल रहा। इस कड़ी में बांध पर हेड रेगुलेटर (डैम), गाइड बांध, तटबंध, बैग पीचिंग आदि का भी कार्य होगा। ग्रामीणों ने बांध निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की है। ग्रामीण आश्वास्त थे कि प्रखंड में बाढ़ का खतरा टल गया, लेकिन बांध में आई दरार से बाढ़ की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
शिवहर डिवीजन के देख-रेख में चल रहा निर्माण कार्य
बांध का निर्माण कार्य शिवहर डिवीजन के देख-रेख में चल रहा, जो बागमती परियोजना अंतर्गत है। बताते चले कि यह बांध पूर्वी चंपारण व शिवहर दोनों जिले को जोड़ती है। देवापुर गांव, जो पताही प्रखंड में आता है, वहीं बेलवा गांव शिवहर जिले में। बांध के एक छोड़ पर देवापुर गांव है, जबकि दूसरे छोड़ पर बेलवा गांव।
फट गई है प्लेसिंग की गई बैग
बताया जाता है कि बांध पर बालू भरे बैग की प्लेसिंग की गई थी। ताकि, बांध की कच्ची मिट्टी को पानी के दबाव में रोका जा सके। लेकिन, प्लेसिंग की गई बैग पूरी तरह से फट गई है। बांध में जगह-जगह सुरंग बन गया है। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। फिलहाल नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होना बताया जा रहा।
तीन किमी में टूट गया था बांध
वर्ष 1993 में लालबकेया व बागमती नदी में आई बाढ़ में बांध टूट गया था। अब बांध को नए सिरे से बनाया जा रहा है। ताकि, बाढ़ की संभावनाओं को पूरी तरह से खत्म किया जाए। लेकिन, बांध पर सुरंग बनने से ग्रामीणों में फिर से डर व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बांध निर्माण में अनियमितता बरती जा रही है। इसकी जांच हो। नदी का जलस्तर बढ़ेगा, तो यह बांध पानी के दबाव को सह नहीं पाएगा और टूट जाएगा। उन्होंने प्रशासन से पूरी मजबूती के साथ बांध निर्माण की मांग की है।
दरार को मिट्टी से भरा जाएगा
सीओ नाजनी अकरम ने बताया कि बांध पर जगह-जगह रेन कट की जानकारी मिली है। इसको लेकर विभाग के जेई को कहा गया है। रेन कट को मिट्टी से भरा जाएगा। यह कार्य शिवहर डिवीजन से हो रहा है।