Ranchi news: राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन द्वारा बुलाई गई बैठक में झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के वरीय उपाध्यक्ष मो. क्यामुद्दीन, कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद साहू, राज्य कार्यकारिणी सदस्य राकेश कुमार उपस्थित थे। संघ की ओर से विगत दिनों परियोजना निदेशक के विडीयो और ऑडियो रूप में वायरल बयानों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इसे अपमानजनक और मनोवल तोड़ने वाला बताया। संघ का मानना है कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों को अपना साझेदार मानना चाहिए न केवल एक अधिनस्थ कर्मचारी। झारखंड एक सांस्कृतिक एवं भौगोलिक विविधता वाला प्रदेश है। यहां शिक्षक विकट एवं कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हुए गरीब और अभिवंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। अत: कोई भी आदेश थोपने से पहले शिक्षकों और विद्यालयों के सामने जो चुनौतियां हैं, समस्याएं हैं उनका निराकरण होना चाहिए। तभी ग्राउंड पर कार्य दिखेगा।
परियोजना निदेशक ने अपनी सफाई पेश की और संबंधित प्रसंग पर खेद व्यक्त किया। इसके साथ ही सभी शिक्षक संघों ने इस विषय पर आंदोलन समाप्ति कि घोषणा की।
इस मौके पर संघ द्वारा विभाग को सुझाव प्रस्तुत करते हुए ज्ञापन भी सौंपा गया। इस पर बात करते हुए महासचिव बलजीत सिंह ने बताया कि हमने निम्नलिखित सुझाव निदेशक को दिए।
1. विद्यालयों के समस्याओं और आवश्यकताओं को समझने के लिए Third party अथवा सक्षम टीम के माध्यम से School Need Assessment (SNA) कराना चाहिए। इसके अनुसार विद्यालयों के आवश्यकताओं को पुरा करने और फंड उपलब्ध करने संबंधी नीति निर्धारण हो।
2. विद्यालयों में आयोजित हो रहे साप्ताहिक आकलन परीक्षा Project RAIL के प्रक्रिया और क्रियान्वयन में आंशिक बदलाव का सुझाव दिया गया है जिससे इसे व्यवहारिक बनाया जा सके और इसका अनुपालन सुनिश्चित हो।
3. बोर्ड परीक्षाओं का कैलेंडर, ब्लू प्रिंट , मॉडल प्रश्न पत्र, प्रश्न बैंक शीघ्र उपलब्ध होना चाहिए जिससे शिक्षक उक्त परीक्षाओं के लिए समुचित तैयारी किया जा सके।
4. शिक्षकों को JCERT द्वारा विभिन्न कक्षाओं के लिए तैयार मॉडल लेसन प्लान शिक्षकों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
5. शिक्षकों के उपर रिपोर्टिंग का अत्यधिक बोझ नहीं डालना चाहिए।