Jharkhand (झारखंड) में देवघर सदर अस्पताल में 17 मई को बवाल मच गया। डॉक्टर और लोग आमने-सामने हो गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ. कुंदन कुमार के साथ एक मरीज के परिजनों द्वारा मारपीट के बाद बवाल शुरू हो गया। घटना के विरोध में झासा के डॉक्टरों ने आपात बैठक कर कार्य बहिष्कार करते हुए जिले भर के सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप करा दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर 19 चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
डॉक्टरों की मनमानी का आरोप लगाकर अनेक लोग उतरे सड़कों पर
डॉक्टर से मारपीट की घटना से चिकित्सक काफी नाराज हैं और लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इधर, जिले भर में ओपीडी ठप रहने से मरीजों को काफी परेशानी हुई। मरीज अस्पतालों में भटकते रहे। हालांकि, इमरजेंसी सेवा चालू रहने से थोड़ी राहत मिली। शाम को मरीज के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद अस्पताल में कुव्यवस्था व डॉक्टरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए दर्जनों लोग सड़क पर उतर कर नारेबाजी की।
मामला शांत होने के बदले भड़क गया
बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह करीब चार बजे ही राम मंदिर रोड मुहल्ला निवासी गणेश कुमार की स्कूटी के धक्के से राजाबाड़ी निवासी सुरेश मंडल घायल हो गए। सुरेश मंडल का पैर एवं कंधे की हड्डी टूट गई। जबकि गणेश भी चोटिल हो गया। इसके बाद पीसीआर वैन ने दोनों को सदर अस्पताल पहुंचाया। इसकी जानकारी मिलने पर गणेश के परिजन भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने ऑन ड्यूटी चिकित्सक को बुलाया, लेकिन वे वार्ड में नहीं मिले। सुबह करीब 4:30 बजे इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ कुंदन कुमार थे। वे रेस्ट रूम में सोए थे। बाद में जब डॉक्टर इमरजेंसी में इलाज के लिए आए, तो इलाज में देरी से गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर एवं अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसकी सूचना मिलने पर नगर थाना की पुलिस अस्पताल पहुंची, तो मामला शांत होने की बजाय और भड़क गया। इस बीच चिकित्सक के सहयोगी व मरीज के परिजन आपस में उलझ गए। यही नहीं बीच बचाव कर रहे पुलिस से भी सदर अस्पताल कर्मी उलझ गए।