पांच दिन पूर्व जांच टीम ने बैग बदलने का दिया था निर्देश, बांध पर तीन किमी में दोनों ओर फट गया बालू भरा बैग, ग्रामीणों ने जल्द से जल्द की बैग बदलने की मांग
आदित्य कुमार सिंह, पताही : बागमती-लालबकेया नदी पर बने बांध पर फट गई पिचिंग की गई बैग अब तक ठेकेदार ने नहीं बदली। बांध के दोनों ओर करीब तीन किमी में पिचिंग की बालू भरी बैग पूरी तरह से फट गई है। सूचना पर पिछले शनिवार को पहुंची जल संसाधन विभाग, शिवहर की टीम ने बांध का जायजा लिया था। टीम ने ठेकेदार को निर्देश दिया गया था कि बांध पर हुए रेन कट को जल्द भर दें, वहीं फट गई पिचिंग की गई बैग को नए सिरे से लगाएं। बांध पर सात जगहों पर हुए रेन कट को तो बदल दिया गया, लेकिन पिचिंग की फटी बैग जस की तस है। फिलहाल नदी का जलस्तर स्थिर है। यूं कहें कि जलस्तर बढ़ने से नदी का बहाव बैग को बहा ले जाएगा और बाढ़ का खतरा मंडरा जाएगा, तो आश्चर्य नहीं होगा। ग्रामीणों ने पुन: जल्द से जल्द बैग पिचिंग का कार्य नए सिरे से कराने की मांग की है।
आश्वस्त किया था कि जल्द कार्य हो जाएगा पूरा
निर्देश मिलने पर ठेकेदार ने टीम को आश्वास्त किया था कि बैग पिचिंग का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन, अब तक बैग पिचिंग का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया। दैनिक जागरण की टीम ने तीन किमी में बने बांध का जायजा लिया तो, दोनों ओर बालू भरा बैग पूरा तरह से फटा पाया गया।
नदियों के संगम के हिसाब से मजबूत
ग्रामीणों ने सरकार से बांध निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराने व नदियों के संगम के हिसाब से मजबूत बांध निर्माण कराने की मांग की है। बताते चले कि पड़ोसी देश नेपाल से निकलने वाली बागमती एवं लालबकेया दोनों नदियों का संगम देवापुर में है। पहाड़ी नदी होने के कारण दोनों नदियां बरसात के दिनों में काफी विकराल रूप धारण करती है। बांध निर्माण के संबंध में देवापुर गांव निवासी नागेंद्र सहनी ने बताया कि बांध निर्माण के नाम पर एजेंसी और बागमती परियोजना के अधिकारियों ने मिली भगत
कर खानापूर्ति किया है। बताया कि नदी की पेटी से
बालू काटकर बांध बंधवाया गया है।इसके अलावा बांध बांधने के समय ठीक से रोलर नहीं चला है तथा काम में बहुत ही लापरवाही की गई है। वही पताही प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार बताया ने कि शिवहर डिवीजन द्वारा बांध निर्माण का कार्य जा रहा है, जो बहुत ही कमजोर कार्य हुआ है। बताया कि बांध को मिट्टी की जगह नदी के तरफ बगल से बालू काटकर बांधा को बांधा गया है। बांध के ऊपर से बालू को ढकने के लिए हल्का मिट्टी डाला गया है। बताया कि देवपुर में लालबकेया व बागमती दो नदियों का संगम है। उसके हिसाब से ठेकेदार द्वारा मजबूत बांध नहीं बांधा गया है। बैंग पीचिंग का जो कार्य हुआ है उसमें घटिया क्वालिटी का बोरा प्रयोग किया गया है। जिससे अभी से ही बांध के दोनों तरफ का बोरी धूप लगने के कारण फटकार बर्बाद हो गया है। बताया कि बाढ़ और बारिश का समय आ गया है, नदी में अधिक बाढ़ का पानी आने पर बांध नहीं टिक पाएगा। उन्होंने सरकार से बांध निर्माण कार्य का जांच करने तथा मजबूत बांध निर्माण कराने का मांग किया है।
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
मैं फिर बांध को देखने जाऊंगा। अगर नहीं बदला रहेगा तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राकेश रंजन, कार्यपालक
अभियंता, जल संसाधन विभाग, शिवहर