Ranchi news, Jharkhand news, Governor attends University Industry Governance (UIG) Summit 2024 : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं एमिटी विश्वविद्यालय, रांची द्वारा झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नामकुम में संयुक्त रूप से आयोजित ‘यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री गर्वनमेंट (यूआईजी) समिट 2024’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय, उद्योग एवं सरकार के साझा प्रयास से देश का विकास सम्भव है। वर्तमान समय की जरूरत एवं तदनुसार उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न विषयों को विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा तथा सरकार को भी इसके अनुरूप माइक्रो लेवल पर नीति-निर्धारण करना पड़ेगा। इस प्रकार के साझा प्रयास एवं नीति-निर्धारण से ही हम विकसित देशों की श्रेणी में पहुंच सकते हैं और “विकसित भारत@2047” के सपनों को साकार कर सकते हैं।
विकास के लिए सैद्धांतिक शिक्षा को प्रायोगिक रूप से धरातल पर उतारना जरूरी
राज्यपाल ने कहा कि विकास के लिए यह आवश्यक है कि सैद्धांतिक शिक्षा को प्रायोगिक रूप से धरातल पर उतारा जाये। नवाचार (इनोवेशन) एवं रचनात्मकता का वातावरण हमारे शिक्षण संस्थानों एवं औद्योगिक संस्थानों में हो और इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियां भी कारगर हों। ऐसे वातावरण के विकसित होने से एवं प्रतियोगिता व प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलेगा और विद्यार्थियों में निहित प्रतिभाएं सामने आयेंगी। इन प्रतिभाओं के सामने आने से विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। पुरानी तकनीक को पुनर्भाषित करते हुए नित्य-नयी तकनीक को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है।
असफलता से घबराना नहीं चाहिए
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि इसमें असफलता भी आयेगी, लेकिन इससे घबराना नहीं है। माननीय प्रधानमंत्री ने चन्द्रयान-2 के पूर्ण रूप से सफल नहीं होने पर वैज्ञानिकों का उत्साहवर्द्धन किया और कुछ माह बाद चन्द्रयान-3 सफलतापूर्वक चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया। इसी प्रकार उनके उत्साहवर्द्धन से ही कोविड का टीका विकसित हुआ और भारत ने न सिर्फ अपने देश में वृहत पैमाने पर टीकाकरण किया, बल्कि अन्य देशों में मानवता का परिचय देते हुए निःशुल्क टीका वितरित किया।
नयी शिक्षा नीति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगी
राज्यपाल ने कहा कि भारत के विकास में नयी शिक्षा नीति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। आज का यह समिट समावेशी विकास के लिए युवाओं को प्रेरित करेगा। वह आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ पारम्परिक ज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देकर संगठित उद्योग के रूप में विकसित करेंगे। विकसित भारत की परिकल्पना तभी साकार होगी, जब झारखण्ड विकसित होगा। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री भारत को विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस प्रतिबद्धता में सभी से अपना योगदान देने का आह्वान किया।