Dhanbad News, Jharkhand news, Dhanbad coal City, coal mines : झारखंड की धरती रत्नगर्भा है। यह पूरी दुनिया जानती है। इस धरती में कई तरह के खनिज भरे पड़े हैं। कोयला भी इनमें से एक है। अब तक कोयले की खुली खदानों से निकलने वाले पत्थर, जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में ओवर वर्डन के तौर पर जाना जाता है, अब तक बेकार समझा जाता था। लेकिन जब इसके सैंपल की जांच हुई तो लोगों की आंखें खुली की खुली रह गई। जांच में से पता चला कि इसमें क्वार्ट्ज, केओलिनाइट, जिप्सम, मेलानटेराइट, रोजेनाइट, हेमेटाइट और पाइराइट जैसे बेशकीमती खनिज मौजूद हैं।
सिंफर की पहल, कोयला मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव
बहरहाल झारखंड की कोल नगरी धनबाद स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सिंफर) ने इस दिशा में पहल करते हुए कोयला मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख है कि अगर ओवर बर्डन की जांच कर इन खनिजों को निकालने के लिए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाए तो राज्य के साथ-साथ देश को भी फायदा होगा।
वैज्ञानिकों ने दिए रेयर अर्थ एट्रियम मिलने के भी संकेत
वैज्ञानिकों ने ओवर बर्डन के नमूनों में कई दुर्लभ रेयर अर्थ और एट्रियम मिलने के भी संकेत दिए हैं। बता दें कि भारत इन बेशकीमती खनिजों के लिए वर्तमान में पूरी तरह आयात पर निर्भर है। यदि घरेलू स्तर पर ये खनिज उपलब्ध होते हैं तो काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी। अब जबकि भारत जल्द ही एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य तक पहुंचने वाला है। हर वर्ष काफी मात्रा में ओवर बर्डन भी निकलेगा। इसकी प्रोसेसिंग से इस क्षेत्र को एक नया आयाम मिलेगा।