Pakur news, Jharkhand news: किसी भी जीव के लिए उसका स्वास्थ्य प्रथम प्राथमिकता है, क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसे सहेजने के लिए सरकार हर दिन भारी भरकम राशि खर्च करती है, परंतु लक्षित समुदाय तक समुचित स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग स्वयं अक्षम दिखता है। चिकित्सक और गैर चिकित्साकर्मियों के अलावा अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को खुद बीमार करती प्रतीत होती है। पाकुड़ की कहानी यह बयां करने को काफी है, जहां डायरिया का कहर बरपा तो स्वास्थ्य विभाग स्वयं बीमार-बीमार सा दिखा। इलाज के समुचित साधन नहीं होने से मरीजों का इलाज पेड़ के किनारे करना पड़ रहा है। आइए इस बदहाली को और नजदीक से देखें…
संसाधन सीमित और अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
पाकुड़ जिले में डायरिया फैलने के बाद बहरहाल सीमित संसाधन में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। बड़ा बास्को संथाली टोला में डायरिया से पीड़ित 33 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप कर रही है। त्वरित इलाज के बाद स्थिति नियंत्रण में है। अधिकतर मरीजों का इलाज गांव में ही किया गया। कई मरीजों ने शारीरिक कमजोरी की बात कही है, उन्हें भी आवश्यक दवाइयां दी जा रही है।
72 परिवारों वाला है बड़ा बास्को गांव के संथाली टोला
बड़ा बास्को गांव के संथाली टोला में कुल 72 परिवार रहते हैं। गांव में इससे पहले डायरिया की शिकायत नहीं मिली थी। रविवार को अचानक मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर जांच अभियान चलाया गया। मरीजों को आरएल स्लाइन, मेट्रोनिडेजोल, एमिकासिन सहित ओआरएस का घोल दिया गया। वर्तमान में स्थिति बहुत हदतक नियंत्रण में हैं।