प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने मंगलवार को सुभाष मोदी और गौतम मोदी को शहर के बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलावा भेजा है। ज्ञान प्रकाश सरावगी को ईडी ने 75 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया था और चार्जशीट किया था।
पहले से भी दर्ज है ज्ञान प्रकाश पर धोखाधड़ी का केस
मिली जानकारी के अनुसार मोदी हाइट्स और एम्पायर बिल्डिंग के निर्माण के लिए सुभाष मोदी और गौतम मोदी ने सरावगी के साथ एक समझौता किया था। हालांकि उन्होंने बैंक से कर्ज लिया था, लेकिन वह अनुबंध के अनुसार काम करने में असफल रहे। इसलिए अनुबंध रद्द कर दिया और एक अन्य डेवलपर को काम पर रखा गया। ईडी ने मोदी को उनके बयान दर्ज करने और जांच में एजेंसी की सहायता करने के लिए बुलाया। इससे पहले सीबीआई ने 2018-19 में ज्ञान प्रकाश सरावगी और उसके साथियों के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया से 31.24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन प्राथमिकी दर्ज की थी। पूछताछ से पता चला है कि आरोपित व्यक्तियों ने अन्य बैंकों के साथ-साथ 75 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है।
75 करोड़ की हुई है धोखाधड़ी
बताया गया कि ज्ञान प्रकाश सरावगी और उनके सहयोगियों ने मेसर्स सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स, मेसर्स बद्री केदार उद्योग प्राइवेंट लिमिटेड, मेसर्स सरावगी बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स और मेसर्स श्रीराम कॉमट्रेड प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स द्वारिकाधीश उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया के साथ-साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (अब पंजाब नेशनल बैंक में विलय) को 75 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। ज्ञान प्रकाश सरावगी ने अपने सहयोगियों की मदद से बैंक ऑफ इंडिया की विभिन्न शाखाओं के साथ-साथ यूनाइटेड बैंक (अब पंजाब नेशनल बैंक) से संपर्क किया और इन कंपनियों के नाम पर ऋण स्वीकृत कराया।