Jharkhand (झारखंड) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया यानी चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है कि उनके पक्ष में खनन पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। जो आरपी अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करती है। धारा 9ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। इससे पहले जब यह मामला भारत निर्वाचन आयोग पहुंचा था, तब भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को तलब करते हुए उनसे पूछताछ की थी। आयोग ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से लीज आवंटन से संबंधित दस्तावेज का प्रमाणीकरण करने को कहा था कि उक्त दस्तावेज सही हैं या नहीं।
जानिए क्या है पूरा मामला
झारखंड में खदान और उद्योग विभाग दोनों सीएम सोरेन के पास है। वे पहले से ही रांची में उनके नाम पर पत्थर की खदान के कथित आवंटन के कारण कानूनी उलझन में हैं। 2019 में बरहेट निर्वाचन क्षेत्र से सदन के लिए चुने गए सोरेन ने 13 साल पहले रांची जिले के अंगारा ब्लॉक के प्लाट संख्या 482 पर 0.88 एकड़ के पत्थर के खनन पट्टे के लिए आवेदन किया था। वहीं, चुनाव आयोग पहले से मामले की जांच कर रहा है कि क्या मुख्यमंत्री ने अपने पद का इस्तेमाल लाभ के लिए किया है? बताया जा रहा है कि मामले में दोषी पाए जाने पर विधानसभा सदस्यता से अयोग्यता की नौबत भी आ सकती है।