झारखंड में पेसा अधिनियम को मजबूत करने पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन
सचिव विवेक भारद्वाज ने झारखंड में दूसरे पेसा क्षेत्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन
Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने सोमवार को रांची, झारखंड में ‘पंचायत एक्सटेंशन ओवर शिड्यूल्ड एरियाज़ एक्ट, 1996´ (पेसा अधिनियम) को मजबूत करने पर दूसरे दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
अपने सम्बोधन में विवेक भारद्वाज ने सामाजिक मुद्दों को सम्बोधित करने, विवादों को सुलझाने, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और स्थायी तरीके से आर्थिक सशक्तीकरण के प्रयासों को बढ़ावा देने में पेसा अधिनियम द्वारा सशक्त ग्राम सभाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पेसा अधिनियम के कुशल कार्यान्वयन से पारम्परिक जीवनशैली को मजबूत करने और सामाजिक बुराइयों को कम करने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री भारद्वाज ने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय ने पेसा अधिनियम की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सम्बन्धित विभागों और हितधारकों के साथ बैठक करने और सहयोग करने की पहल की है।
विवेक भारद्वाज ने प्रतिभागियों को एक सहयोगी माहौल को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान अपने विचार, अनुभव और सुझाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां विविध दृष्टिकोणों पर विचार किया जा सके, जिससे अधिक व्यापक और प्रभावी रणनीतियां बन सकें। पेसा पर आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य सर्वसम्मत सहमति के आधार पर पेसा अधिनियम के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए पुणे और रांची में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलनों के दो संस्करणों से प्राप्त इनपुट्स को शामिल करना है। मंत्रालय का व्यापक उद्देश्य पेसा अधिनियम के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, ग्राम सभाओं को सशक्त बनाना और अधिनियम में कल्पना के अनुसार जनजातीय समुदायों तक लाभ पहुंचाना है।
सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य पेसा अधिनियम के सिद्धांतों और समावेशी शासन के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप विभिन्न प्रयासों और पहलों के माध्यम से आदिवासी समुदायों को उनकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और सामाजिक-आर्थिक विकास प्राप्त करने में सहायता करना है।
भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा 04 एवं 05 मार्च 2024 को रांची में क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। डॉ. चंद्र शेखर कुमार, अपर सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, डॉ. राजीव अरुण एक्का, अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार, ममता वर्मा, संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, जितेंद्र कुमार सिंह, सचिव, उद्योग विभाग, झारखंड सरकार और झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग की निदेशक नेशा उरांव भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. सी. एस. कुमार ने मंत्रालय के प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें पेसा राज्यों में पेसा अधिनियम के कार्यान्वयन पर नज़र रखने के लिए एक निगरानी पोर्टल का विकास भी शामिल है। योजनाओं के अभिसरण और स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) को बढ़ाने के महत्त्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों से पीईएसए राज्यों में ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के लिए संसाधनों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने का आग्रह किया।
झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजीव अरुण एक्का ने सामाजिक शांति बनाए रखने में पारम्परिक प्रणालियों के महत्त्व पर प्रकाश डाला और ग्राम सभाओं को मजबूत करने के माध्यम से विकास और प्रगति की संभावना को रेखांकित किया। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए आदिवासी समुदायों के लिए लाभ सुनिश्चित करने, पेसा अधिनियम को तुरन्त और समर्पित रूप से लागू करने के लिए झारखंड की प्रतिबद्धता पर विश्वास व्यक्त किया।
पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव ममता वर्मा ने पेसा नियमों के अनुपालन पर एक ओवरव्यू देते हुए एक प्रस्तुति दी और प्रभावी योजना के लिए ग्राम मंच जैसे उपकरणों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न राज्यों द्वारा पेसा नियमों के चल रहे निर्माण पर बहुमूल्य सुझाव प्रदान किये। उन्होंने पेसा-निर्दिष्ट क्षेत्रों में कुशल योजना की सुविधा के लिए ग्राम मंचित्र जैसे उपकरणों के महत्त्व पर जोर दिया।
पेसा क्षेत्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पेसा अधिनियम को लागू करने में राज्यों द्वारा की गयी प्रगति का आकलन करना और जमीनी स्तर पर इसके प्रभाव पर एक आम दृष्टिकोण विकसित करना है। सम्मेलन का उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों के सतत विकास के लिए पेसा अधिनियम के कार्यान्वयन को बढ़ाने पर भाग लेने वाले राज्यों के बीच सहयोग और चर्चा को बढ़ावा देना है।
पेसा पर दूसरे क्षेत्रीय सम्मेलन में जनजातीय मामलों के मंत्रालय और पंचायती राज, एनआईआरडी और पीआर, एसआईआरडी और पीआर के राज्य विभागों और अन्य प्रमुख हितधारकों समेत पांच भाग लेने वाले राज्यों- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना और नागरिक समाज संगठन के पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गयी।