धनबाद के चर्चित गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान के खास गुर्गे हुसैन अंसारी उर्फ टीपू सुल्तान को बिहार के नवादा जिले की पुलिस ने फतेहपुर थाना क्षेत्र से मंगलवार को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया।धनबाद के बैंकमोड़ थाना पुलिस के सहयोग से यह गिरफ्तारी हुई है। टीपू के साथ मृत्युजंय कुमार तथा गौतम कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। मृत्युंजय बिहारशरीफ एवं गौतम नवादा का बताया जा रहा है। तीनों के पास से तीन पिस्टल, तीन कट्टा, 28 राउंड गोली, आठ मोबाइल तथा तीन बाइक पुलिस ने बरामद की है। बरामद बाइक भी चोरी की होने की बात कही जा रही है। तीनों से नवादा की पुलिस के साथ बैंकमोड़ थाना पुलिस ने भी पूछताछ की है। इसके बाद तीनों को नवादा जेल भेज दिया गया।गिरफ्तार टीपू सुल्तान के बारे में पुलिस ने बताया कि वह प्रिंस खान के कहने पर मेजर बनकर शहर के व्यवसायियों से रंगदारी मांगता था।
कई अपराधों में रहा है हाथ
पूछताछ में यह बात सामने आई है कि मटकुरिया में गुलफाम अख्तर नूरी के मार्डन टायर शो रूम में गोलीबारी, भूली आजाद नगर में ठेकेदार मतलूब आलम के घर फायरिंग, पुराना बाजार के कपड़ा कारोबारी अप्सरा बाजार के मालिक मो. सलीम के घर पर गोली चलाने व हाउसिंग कालोनी में नगर निगम के ठेकेदार नरेश सिंह के घर पर फायरिंग में उसका हाथ था। इसके अलावा भी प्रिंस खान के नाम पर शहर में जिन व्यवसायियों व ठेकेदारों को धमकाया गया था, उन सभी में उसकी संलिप्तता होने का दावा पुलिस कर रही है। कुल आठ मामलों में उसकी संलिप्तता का पुलिस दावा कर रही है। एक बाइक में बुलेट का नंबर लगा हुए मिला।
प्रिंस खान के लिए काम करता है टीपू
पूछताछ के दौरान टीपू ने पुलिस को बताया है कि वह प्रिंस खान के लिए काम करता है। प्रिंस ने ही उसका नाम मेजर रखा था। मेजर के नाम पर वह लोगों को धमकाता था। उसके साथ इस काम में अफरीदी उर्फ राजा तथा प्रिंस खान का चचेरा भाई आमिर भी शामिल था। अफरीदी व आमिर को बैंकमोड़ थाना पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज चुकी है। हथियार भी टीपू ही उपलब्ध कराता था। बैंकमोड़ पुलिस जल्द ही टीपू को रंगदारी मामले में ट्रांजिट रिमांड पर धनबाद लाएगी। टीपू वासेपुर के कमर मकदुमी रोड का रहनेवाला है।फतेहपुर में नंदिनी इंटरप्राइजेज के मालिक पर 20 लाख रुपये रंगदारी के लिए की थी फायरिंग
धनबाद में क्राइम करने के बाद सिवान भाग जाता था
टीपू सुल्तान ने नवादा के फतेहपुर में एक बड़े व्यवसायी से 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। रंगदारी की रकम नहीं मिलने पर उसने व्यवसायी पर फायरिंग की थी। व्यवसायी को गोली भी लगी थी। इसके बाद फतेहपुर पुलिस अपराधियों को ढूंढने में सक्रिय हो गई। अनुसंधान के दौरान मोबाइल टावर लोकेशन व पता ठिकाना के आधार पर फतेहपुर पुलिस ने सबसे पहले बैंकमोड़ थाना पुलिस से संपर्क कर सहयोग मांगा। बैंकमोड़ भी पुलिस टीपू सुल्तान को काफी दिनों से ढूंढ रही थी। बैंकमोड़ थाना पुलिस भी उसकी तलाश में सक्रिय हो गई। मोबाइल काल डिटेल्स के आधार पर टीपू अपने दो साथी मृत्यजंय कुमार तथा गौतम के साथ पकड़ा गया। पुलिस जब ढूंढ रही थी तो टीपू का लोकेशन बार-बार बदल रहा था। बताते हैं कि धनबाद में क्राइम करने के बाद वह सिवान चला गया था। वहां के बाद कोलकाता में कुछ दिन रहा। फिर बिहारशरीफ होते हुए नवादा पहुंचा था। इसके बाद उसने नंदिनी इंटरप्राइजेज के मालिक को गोली मारी थी।