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सभी वर्ग-समुदाय के धार्मिक स्थलों को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता : चम्पाई सोरेन 

सभी वर्ग-समुदाय के धार्मिक स्थलों को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता : चम्पाई सोरेन 

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तीन दिवसीय “राजकीय इटखोरी महोत्सव” के उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री ने चतरा जिला के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में की विधिवत पूजा-अर्चना

Ranchi news, Jharkhand news, chatra news : मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा ह कि समाज के अंदर सबसे ज्यादा देवी मां की ही पूजा-अर्चना की जाती है। संसार में मां का अलग और महत्त्वपूर्ण स्थान है। चाहे वह भगवान रूपी देवी मां हो या मनुष्य को जन्म देने वाली मां हो ; मां सदैव पूजनीय एवं वंदनीय होती हैं। मनुष्य जीवन को अत्याचार और दुराचार से बचाने के लिए ही देवी मां का अवतरण होता है। मां ही हम सभी की दशा-दिशा तय करती हैं। हम सभी लोग विद्या, ज्ञान के लिए सरस्वती माता का वंदन करते हैं, वहीं सुख समृद्धि और वैभव के लिए लक्ष्मी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। इसी प्रकार मां भद्रकाली के पूजन से हम सभी लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने आज चतरा जिला के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर समस्त झारखंडवासियों की सुख, समृद्धि एवं उन्नति की कामना की है। तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव के अवसर पर मैं पूरे राज्यवासियों को अपनी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। उक्त बातें मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने सोमवार को चतरा जिला के इटखोरी मां भद्रकाली मंदिर परिसर में आयोजित “राजकीय इटखोरी महोत्सव” को सम्बोधित करते हुए कहीं।

सभी वर्ग-समुदाय के धार्मिक स्थलों को संरक्षित करना प्राथमिकता

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से ही यह तय कर रखा है कि राज्य के भीतर सभी धर्म-समुदाय के धार्मिक स्थलों को संरक्षित किया जायेगा। पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में ही हमारी सरकार शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी वर्ग समुदाय के धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण कार्य करते हुए संरक्षित करने का काम कर रही है। आज राजकीय इटखोरी महोत्सव के अवसर पर विभिन्न वर्ग-समुदायों के धर्मगुरु भी यहां उपस्थित हैं। आज बहुत उमंग और खुशी का दिन है। हम सभी लोग आज माता रानी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। किसी भी वर्ग-समुदाय के लोगों को उनकी धार्मिक आस्था पर कोई ठेस न पहुंचे, इस हेतु हमारी सरकार कृतसंकल्प है। इटखोरी देश और दुनिया में एक बड़ा धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। आनेवाले समय में इटखोरी एक जाना-पहचाना धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित हो, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

वर्ष 2027 तक 20 लाख आवासविहीन परिवारों को देंगे पक्का मकान

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि वर्ष 2027 तक हमारी सरकार राज्य के 20 लाख आवासविहीन परिवार को पक्का मकान देगी, जो लोग आज मिट्टी के कच्चे घरों पर या झुग्गी-झोपड़ियों पर रहने को विवश हैं, उन्हें प्राथमिकता के तौर पर हम पक्का मकान देने का कार्य प्रारम्भ कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आधुनिक युग में देश और दुनिया जब इतनी रफ्तार से विकास कर रहे हैं, तब हम झारखंड को किसी भी हाल में पीछे नहीं रहने देंगे। झारखंड हमेशा से खनिज सम्पदाओं वाला राज्य माना जाता है, परंतु विडम्बना है कि हमारी खनिज सम्पदाओं का सबसे ज्यादा लाभ दूसरे प्रदेश के लोगों ने लिया है। हमारी सरकार हर हाल में इस स्थिति को बदलेगी। यहां के मूलवासी और आदिवासी समाज को हम सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने पर काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सोच को आगे बढ़ते हुए राज्य को हर क्षेत्र में प्रगति की ओर ले जाना है।

पैसा नहीं बनेगा बाधा, पढ़नेवाले बच्चों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना से करेंगे मदद

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी, दलित, मजदूर, किसान, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग-समुदाय के बच्चे-बच्चियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ हमारी सरकार दे रही है। अब हमारे बच्चों की पढ़ाई पैसों के कारण नहीं रुकेगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इन सभी वर्गों के बच्चों-बच्चों के लिए शिक्षा का जो ‘दीया’ जलाने का कार्य कर दिखाया है, उसे कभी बुझने नहीं दिया जायेगा। हमारी सरकार शिक्षा व्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ करने हेतु प्रयासरत है। शिक्षित समाज से ही विकसित राज्य का निर्माण किया जा सकेगा।

इस अवसर पर मंत्री सत्यनानन्द भोक्ता, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक किशुन कुमार दास, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, बौद्ध धर्म गुरु श्री स्वामी रवीन्द्र कीर्ति जी, धर्म गुरु नांगजेय दोरजे जी, प्रधान पुजारी नागेश्वर जी, दिगम्बर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ताराचंद जैन सहित अन्य गण्यमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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