Ranchi news: घोटालों के राज्य में शुमार झारखंड में जीएसटी घोटाला भी हुआ है। वह भी एक-दो लाख नहीं, एक-दो करोड़ भी नहीं, एक-दो अरब भी नहीं, बल्कि 781.39 करोड़ यानी कि लगभग आठ अरब का घोटाला हुआ है। वह भी यह घोटाला आठ-10 लोगों के नाम न होकर जमशेदपुर के सुमित गुप्ता के नाम है। उन्होंने जमानत के लिए झारखंड हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है, परंतु कोर्ट ने उनके इस कृत्य पर क्या कमेंट किया, आइये जानते हैं…
कोर्ट ने जमानत देने से किया इन्कार,135 फर्जी फर्म बनाने और संचालित करने का है मास्टरमाइंड
हाई कोर्ट के जस्टिस सुभाष चंद की अदालत ने फर्जी फर्मों और चालान के आधार पर किए गए इस घोटाले के आरोपी सुमित गुप्ता को जमानत देने से इन्कार कर दिया है। सुमित पर जमशेदपुर में जीएसटी चोरी का मामला दर्ज है। निचली अदालत से राहत नहीं मिलने पर उन्होंने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है। अभियोजन रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता 135 फर्जी फर्म बनाने और संचालित करने का मास्टरमाइंड है।
देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं ऐसे सफेदपोश
जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा है कि देश का एक साधारण व्यक्ति भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण और विकास के लिए केंद्र को सीजीएसटी और राज्य सरकार को एसजीएसटी का भुगतान कर रहा है। याचिकाकर्ता जैसे व्यक्ति जो सफेदपोश अपराधी हैं, वे फर्जी फर्म बनाकर व्यक्तिगत लाभ की मंशा रखते हुए सुनियोजित तरीके से जालसाजी कर सार्वजनिक धन की भारी हानि करते हैं। ये देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
प्रार्थी की दलील, आरोप गलत
प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उनपर गलत आरोप लगाया गया है। इस मामले में जांच पूरी करते हुए जीएसटी की ओर से चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, ऐसे में उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसका डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिवक्ता पीएएस पति ने विरोध किया। कहा इन लोगों ने संगठित रूप से फर्जी कंपनी बनाकर सरकार को बड़े पैमाने पर राशि की चपत लगाई है। इन्हें जमानत देना कतई उचित नहीं होगा।