Bokaro news, Jharkhand news : कल्पना मात्र से आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जरा सोचिए काली अंधेरी रात हो और आप बीच मंझधार में फंस जाएं। झारखंड जैसे पठारी इलाके में ऐसा होता रहा है। आप किसी नदी को पार कर रहे हों, उसमें घुटनाभर पानी हो, परंतु देखते ही देखते उसमें उफान आ जाता है। दरअसल, पहाड़ी नदियों की यह प्रकृति होती है। खासकर बारिश के महीने में कब पहाड़ों से ढलकर नदियां रौद्र रूप धारण कर ले, कहना मुश्किल है। कई बार डैम से पानी छोड़ने पर जहां यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो कई बार सहायक नदियों के कारण अचानक बाढ़ सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। गुरुवार की शाम बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत चतरोचट्टी स्थित केकैया नदी में कुछ ऐसा ही हुआ। आगे पढ़िए…
देखते ही देखते ट्रैक्टर के हुड तक पहुंचा पानी
दरअसल, संबंधित नदी से वैध-अवैध बालू के उठाव की लंबी फेहरिस्त है। गुरुवार की शाम भी कुछ ऐसा ही हुआ, नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसमें बालू का उठाव करने पहुंचे लगभग आधा दर्जन ट्रैक्टर डूब गए। उसके हुड तक पानी पहुंच गया। गनीमत यह रही कि पानी का बहाव अपेक्षाकृत कम था, अन्यथा बड़ी घटना घट सकती थी। फिर क्या हुआ…
सुबह देवदूत बनकर आए ग्रामीण तो बची जान
इधर, ट्रैक्टर को मंझधार से निकालने के लिए चालक, मजदूर और मालिक पूरी रात जतन करते रहे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। अंततः शुक्रवार की सुबह जब थोड़ा पानी कम हुआ और जब ग्रामीणों को घटना की जानकारी मिली तो ग्रामीणों के सहयोग से ट्रैक्टर समेत लोगों को बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला जा सका।