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हेमन्त सरकार ने योजनाओं की गंगा बहायी: कल्पना सोरेन

हेमन्त सरकार ने योजनाओं की गंगा बहायी: कल्पना सोरेन

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Chatra news : पहले चरण के झारखंड विधानसभा चुनाव में नामांकन के चौथे दिन मंगलवार को सिमरिया में झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार मनोज कुमार चंद्रा ने नामांकन कराया। नामांकन के बाद विशाल जनसभा का भी आयोजन हुआ। समारोह में सीएम की पत्नी व गांडेय विधायक जेएमएम नेता कल्पना सोरेन शामिल हुईं।
इस अवसर पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमन्त सरकार का पांच साल का कार्यकाल बेहद ही सराहनीय और बेमिसाल रहा है। कोरोना काल जैसी विपरीत परिस्थिति में भी हमारी सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी रही। मजदूरों को हेलीकॉप्टर से लेकर ट्रेन आदि व्यवस्थाओं से घर पहुंचाया गया और सबसे बड़ी बात कोरोना काल में झारखंड में भूख के कारण एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई। यह हेमन्त सरकार की क्षमता दिखाता है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान के लिए मंईयां सम्मान योजना, किचन सहित तीन कमरों का अबुआ आवास सहित कई योजनाएं प्रारम्भ की है। केन्द्र की सरकार किसानों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं रखती है।

भाजपा जाति-धर्म के आधार पर बांटती है,हमारा प्रयास समग्र विकास


उन्हें मात्र पूंजीपतियों की समस्या दिखती है, जहां केन्द्र की सरकार ने पूंजीपतियों को ऋण माफ किया, वहीं हमारी सरकार ने कृषि ऋण माफ किया है। भाजपा की सरकार लोगों को जाति-धर्म के आधार पर बांटती है, परन्तु हमारी सरकार का उद्देश्य समग्र विकास करना है। झारखंड में निवास करने वाले सभी लोगों का विकास कैसे हो, इसकी चिन्ता हेमन्त सोरेन करते हैं। जहां एक ओर भाजपा की सरकार ने स्कूलों को बंद किया, वहीं हमारी सरकार ने सीएम आॅफ एक्सीलेंस स्कूल खोलने का काम किया। भाजपा की सरकार ने गरीबों को हरा राशन कार्ड काट दिया।
केन्द्र की सरकार नहीं चाहती है कि झारखंड अपने पैरों पर खड़ा हो। इसलिए वह झारखंड की बहुत बड़ी रकम अपने पास रखी हुई है, जो मांगने पर उनके कानों पर जू तक नहीं रेंगती। हेमन्त सोरेन उस रकम को लेने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस कारण उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया था। जहां एक ओर बीजेपी वाले भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति बनाते हैं। वहीं, उनका ही दूसरा धड़ा उसे तोड़ने का काम करता है। वे आरक्षण देने का ढोंग करते हैं।

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