मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ ( सिद्धकोफेड ) के निदेशक पर्षद की तीसरी बैठक में कई एजेंडों पर हुई चर्चा, मिली मंजूरी
Ranchi news : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड के निदेशक पर्षद की तृतीय बैठक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि झारखंड में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड का गठन हुआ है। इसका उद्देश्य विभिन्न वनोपज का उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण, अनुसंधान तथा विकास की विभिन्न गतिविधियों को सहकारी आधार पर संगठित करना है। ऐसे में इस सहकारी संघ की जानकारी किसानों तक पहुंचनी चाहिए, ताकि वे इससे जुड़कर उत्पादों का लाभ ले सकें।
सभी लैम्प्स-पैक्स को पूरी तरह करें क्रियाशील
मुख्यमंत्री ने राज्यभर में अवस्थित सभी लैम्प्स-पैक्स को पूरी तरह क्रियाशील करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि किसानों को इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि लैम्प्स और पैक्स से आज भी किसानों की एक बड़ी संख्या निबंधित नहीं है। ऐसे में छूटे हुए सभी किसानों को जोड़ने की पहल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लैम्प्स-पैक्स भवनों की मरम्मत के साथ उसके उचित रख-रखाव और बेहतर प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था हो।
उत्पादों की वैल्यू एडिशन के साथ हो जियो टैगिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लाह, इमली, कोदो, कुटकी, सरगुजा, चिरौंजी, आंवला, महुआ, करंज, रेशम और तसर जैसे कई वनोपज हैं, जिनकी उपयोगिता और बाजार में काफी ज्यादा मांग है। लेकिन, इसके उत्पादकों को इसका उचित फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड के इन विशेष उत्पादों का वैल्यू एडिशन के साथ जियो टैगिंग करने की दिशा में कदम उठायें, ताकि इन वनोपजों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ किसानों को पूरा फायदा मिल सके। इससे झारखंड के इन विशिष्ट उत्पादों को वैश्विक बाजार में भी अलग पहचान मिलेगी।
वनोपज एवं कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाये जायें समुचित कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज एवं कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समुचित कदम उठाये जाने चाहिए। वनोपज से जुड़े ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ें। इनके उत्पादन से सम्बन्धित जानकारी और प्रशिक्षण दें, ताकि वे व्यावसायिक रूप से इनका उत्पादन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह तथा रेशम-तसर की खेती की झारखंड में काफी सम्भावनाएं हैं। ऐसे में इसके उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करें।
वैकल्पिक कृषि के लिए किसानों को करें प्रशिक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह मौसम में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है, उसे परम्परागत कृषि काफी प्रभावित हो रही है। ऐसे में किसानों को वैकल्पिक कृषि के लिए भी तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि कृषक पाठशाला राज्य सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना है। इस कृषक पाठशाला में किसानों को वैकल्पिक खेती का प्रशिक्षण दें। उन्हें वनोपज से जोड़ें। इसके लिए उन्हें संसाधन भी उपलब्ध कराने की पहल करें, ताकि विपरीत परिस्थितियों में वे कृषि कार्य से जुड़ कर अपने को मजबूत बनाये रख सकें।
केन्दू पत्ता को भी सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के दायरे में लाने की तलाशें सम्भावनाएं
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि केन्दू पत्ता वनोपज को भी सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के दायरे में लाने की सम्भावनाएं तलाशें। इससे केन्दू पत्ता के उत्पादन से जुड़े श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
सहकारिता प्रशिक्षण केन्द्र फुदी को प्रोफेशनल तरीके से चलाने का सुझाव
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि फुदी स्थित नवनिर्मित सहकारिता प्रशिक्षण केन्द्र में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। उसे प्रोफेशनल तरीके से चलाया जाये। यदि आवश्यक हो, तो राष्ट्रीय सहकारी संघ (ठउवक) अथवा राष्ट्रीय प्रशिक्षण सहकारी परिषद् (ठउउळ) से एमओयू कर वहां प्रोफेशनल /वोकेशनल कोर्सेज कराया जाये, ताकि राज्य के नवयुवकों का स्किल डेवेलपमेंट हो, उन्हें रोजगार मिल सके। पीपीपी मोड में भी चलने की सम्भावना तलाशी जाये।
मधु संग्राहकों को दिया जाये उचित प्रशिक्षण
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि मधु संग्राहकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाये। उनका समूह बना कर सिद्धकोफेड से जोड़ा जाये एवं उनके मधु को वैश्विक बाजार उपलब्ध करने के लिए अमूल, सफोला, हिमालय जैसी बड़ी कम्पनियों / संस्थाओं से एमओयू किया जाये, ताकि मधु संग्राहकों को उचित मूल्य मिल सके एवं लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्यवर्द्धक मधु उपलब्ध हो सके।
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
बैठक में कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग सचिव कृपानंद झा, सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उमाशंकर सिंह, जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संदीप सिंह एवं एपीसीसीएफ-सह-प्रबंध निदेशक जेएसएफडीसी वाई के दास प्रमुख रूप से उपस्थित थे।