Jharkhand news : असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में राज्य में डिक्टेटरशिप चल रही है। सरकार से सवाल करना गुनाह हो गया है। सरकार खुद को ‘भगवान’ समझ बैठी है। वर्तमान डीजीपी को विधि की जानकारी नहीं है। उनके भरोसे राज्य में विधानसभा चुनाव सम्भव नहीं।
हेमंत सरकार से लोगों को क्या मिला?
हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को रांची के प्रदेश भाजपा कार्यालय के सामने स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालिया लहजे में कहा कि आखिर इस हेमन्त सरकार के अबतक के कार्यकाल में लोगों को मिला क्या? पूरा राज्य इस सरकार से पूछ रहा कि युवाओं को मिला क्या, महिलाओं को, किसानों को, सरकारी कर्मचारियों को मिला क्या? इस सरकार ने 2019 के चुनाव से पूर्व शहीद निर्मल महतो के शहादत स्थल पर जाकर कहा था कि 05 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, नहीं तो संन्यास ले लेंगे। अब इस सरकार के पास मात्र एक महीना बचा है। एक महीना में जो करना है, कर ले।
मंईयां योजना में जितना पैसा महिलाओं को दिया जा रहा, उससे अधिक पैसा प्रचार-प्रसार में जा रहा
सरमा ने कहा कि शिबू सोरेन राज्य और देश की जनता के लिए सम्माननीय हैं। ऐसे में यदि उनका बेटा अपना वादा न पूरा करे, तो दिशोम गुरु का नाम धूमिल होगा। सरकार या तो सितम्बर तक पांच लाख युवाओं को नौकरी दे या फिर सितम्बर के आखिर या दाे अक्टूबर को राजनीति से संन्यास की घोषणा पर अमल करे। हिमंता ने आरोप लगाया कि सरकार की मंईयां योजना में जितना पैसा महिलाओं को दिया जा रहा, उससे अधिक पैसा प्रचार-प्रसार में जा रहा है। खिजरी की महिलाओं ने बताया कि उन्हें बालू नहीं मिल रहा। उल्टा बालू 5,500 से 6,000 रुपये सीएफटी हो गया है। सरकार जनता को पैसा नहीं दे रही, बल्कि उनसे पैसे वसूल रही है।
राज्य की ऐसी हालत कि कोई सरकार से सवाल तक नहीं पूछ सकता
सरमा ने कहा कि राज्य की हालत ऐसी है कि यहां कोई सरकार से सवाल तक नहीं पूछ सकता। झारखंड में बांग्लादेश घुसपैठ की बात उन्होंने उठायी, लेकिन सरकार नहीं मान रही। दो दिन पहले ही रांची से एक डॉक्टर अलकायदा का काम करते हुए गिरफ्तार हुआ है। उच्च न्यायालय भी घुसपैठ पर कह रहा है, लेकिन सरकार मनाने को तैयार नहीं। राज्य के युवाओं ने अपने अधिकार के लिए जन आक्रोश रैली निकाली। बदले में सरकार युवाओं पर लाठियां, आंसू गैस फेंक रही है।
आक्रोश रैली के बाद सरकार ने भाजपा के 55 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है
सरमा ने कहा कि भाजपा की आक्रोश रैली के बाद सरकार ने भाजपा के 55 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इससे भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन 12,000 अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर की गयी है, जिसमें नॉन बेल की धारा लगायी गयी है। सरकार इसके माध्यम से अब वैसे युवाओं को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है, जो भी सरकार के खिलाफ सवाल उठायेगा। जलियांवाला बाग में भी ऐसी एफआईआर नहीं हुई थी। डीजीपी से आग्रह है कि इतना भी तेल सरकार को न लगायें। सरकार से आग्रह है कि वह लिमिट क्रॉस न करे। इस तरह की एफआईआर का ऐसा कोई भी उदाहरण देश में नहीं है।
चुनाव आयोग से डीजीपी के खिलाफ करेंगे शिकायत
सरमा ने कहा कि वह चुनाव आयोग से राज्य के वर्तमान डीजीपी के खिलाफ शिकायत करेंगे कि उनके होते यहां चुनाव सम्भव नहीं होगा। सरकार ने जनता से वादा किया था और जब जनता पूछ रही, तो उनके खिलाफ अज्ञात एफआईआर की गयी। सरकार 12000 अज्ञात का नाम बताये। सत्तारूढ जेएमएम ने कहा है कि 23 अगस्त को 5,000 लोग आक्रोश रैली में भारत माता की जय का नारा लगाया रहे थे, तो डीजीपी बतायें कि बाकी के 7000 लोग कौन हैं। भारत में कानून का राज है।
सरमा ने डीजीपी को चैलेंज दिया कि तीन दिन के अंदर 12,000 का नाम बतायें
सरमा ने डीजीपी को चैलेंज दिया कि तीन दिन के अंदर 12,000 का नाम बतायें। भारत में आन्दोलन करने का अधिकार सबको है। भाजपा फिर से जवाब मांगने सितम्बर में आयेगी। भाजपा न्यायालय जायेगी। शहीद निर्मल महतो के शहीद स्थल पर भी जाकर सरकार से जवाब मांगेगी। सरकार ने जो भी वादे किये हैं, उसे सरकार को पूरा करना ही होगा।
हिमंता सरमा ने कहा कि आन्दोलन कर रहे थे, वे घुसपैठिये नहीं थे, वे राज्य के युवा थे। जिस तरह से रांची एसएसपी ने 12,000 अज्ञात लोगों पर एफआईआर की, ऐसे में उन्हें सवाल करने का कोई हक नहीं है। पुलिस बताये कि रैली के दौरान कंटीले तार क्यों लगाये गये? भाषण के बीच में टियर गैस क्यों चलायी? वे इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं।
एक भी घोषणा पर अमल नहीं : बाबूलाल मरांडी
वर्चुअल मोड में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबूलाल ने कहा कि वह तिसरी ब्लॉक (गिरिडीह) की बेलवाना पंचायत के एक गांव में हैं। यहां उन्होंने बुजुर्ग, विधवा महिलाओं से हेमन्त सोरेन सरकार की सर्व जन पेंशन योजना के बारे में पूछा। 50 परिवार वाले इस गांव में 10 ने तो बताया कि काफी पहले एक फॉर्म भराया गया था, जिसमें उनके साथ ठगी भी हुई। अब मंईयां योजना का लाभ देने की बात हो रही है। साढ़े चार सालों बाद अब सब को समझ आ चुका है कि सरकार चुनाव को देखते यह सब झांसा दे रही है। यह सरकार किसी वादे पर खरा नहीं उतर सकी है।
हर वर्ग के साथ हुआ धोखा : अमर कुमार बाउरी
नेता प्रतिपक्षा अमर कुमार बाउरी ने हेमन्त सोरेन सरकार के पांच साल और उनके वादे, हकीकत को लेकर एक वीडियो जारी किया। साथ ही, कहा कि महिला, किसान, युवा और दूसरे सभी वर्ग के लोगों के साथ इस सरकार ने वादाखिलाफी की है। झामुमो के घोषणापत्र में हर साल एक लाख नौकरी, बिना गारंटर 50 हजार का लोन, 5000-7000 बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य वादे थे। एक भी पूरा नहीं हुआ। विधानसभा में जब सरकार को भाजपा ने घेरा, तो 18 विधायकों को निलम्बित कर दिया गया। 23 अगस्त को युवा आक्रोश रैली रांची में आयोजित हुई। इसमें आने से युवाओं को कंटीले तार लगा कर रोकने का प्रयास हुआ और 12,000 पर एफआईआर हुई। सरकार के झूठे वादों-इरादों को सबके सामने लाने का प्रयास भाजपा कर रही है।