डीएवी कोयलानगर घनबाद के आठवीं के छात्र सुमित ने अपने ही सहपाठी नौवीं के स्वेतभ मिश्रा को स्कूल के गेट के पास लौहे के रॉड से पीट पीटकर लहूलुहान कर कर दिया। मारपीट के वीडियो को देखने के बाद एक बात अस्पष्ट हो चुकी है कि स्कूल प्रबंधन का डर छात्रों में नहीं है। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन अनुशासन के मामले में कोताही बरत रहा है। हालांकि शिकायत मिलने के बाद शिकायत मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन ने दोषी छात्रों को अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया है।
घायल छात्र के पिता ने थाने में दर्ज कराया मामला
पिटाई से बुरी तरह जख्मी हुए छात्र के पिता को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे फौरन स्कूल पहुंचे और वहां पास में ही स्थित सरकारी अस्पताल में अपने बच्चे का प्राथमिक इलाज कराया। इसके बाद घायल बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
बच्चे का इलाज कराने के बाद उसके पिता ने घटना की सूचना स्कूल प्राचार्य को दी। प्राचार्य ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषी छात्र को निलंबित कर दिया। सोमवार को इस हिंसा में शामिल कई छात्रों पर भी बड़ी करवाई हो सकती है। प्राचार्य उसे भी निलंबन कर सकती है। घायल छात्र के पिता राजेश मिश्रा ने आरोपी छात्र सहित कई अज्ञात छात्रों पर सरायढेला थाना में मामला दर्ज करा दिया है।
मारपीट से पहले दोनों में हुई थी बहस
बता दें की घायल छात्र स्वेताभ और आरोपी छात्र सुमित के साथ स्कूल में किसी बात को लेकर बकझक हुई थी। स्कूल शिक्षक ने स्कूल में ही समझा बुझाकर मामला शांत करा दिया था।लेकिन घायल छात्र को यह पता नही था कि एक सहपाठी द्वारा उसके साथ इस तरह से पीटा जाएगा। घटना के दौरान कई छात्र छुड़ाने के बजाय मजा ले रहे थे और कह भी रहे थे कि ओर मारो। घटना के दौरान यदि राहगीर ने छुड़ाने की पहल नही की जाती तो एक बड़ी घटना भी हो सकती थी।
मां बोली- मेरे बच्चे को न्याय मिलना चाहिए
हाल ही में ऐसी घटना सिंदरी के एक स्कूल में घट चुकी है और एक छात्र की जानें भी जा चुकी है।घायल छात्र की माँ स्वेतम्बरा पाठक का कहना है कि बच्चें स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य बनाने के लिए जाते है।लेकिन एक उदंड छात्र द्वारा ऐसी हरकत करना कितनी घिनोनी बात है।एक माँ को स्कूल के प्राचार्य और प्रसाशन पर पूरा भरोसा है कि उनके बच्चे को जरूर न्याय मिलेगा। ऐसे उदंड बच्चों को स्कूल से बर्खास्त किया जाना ही चाहिए, ताकि दूसरे बच्चों को ऐसी हरकत करने की हिम्मत न हो।