• शिक्षा मंत्री और मोर्चा के सदस्यों के बीच बनी सहमति,आंदोलन वापस
Ranchi News : झारखंड पारा शिक्षक एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री बैद्यनाथ राम के बीच पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने एवं सभी श्रेणी के शिक्षकों के मानदेय में एक हजार रुपये की वृद्धि पर सहमति बनी है। यह वार्ता बुधवार को मंत्री के धुर्वा स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में झारखंड राज्य सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के साथ हुई। इसके तहत ईपीएफ कटौती में पारा शिक्षकों के अंशदान के 950 रुपये राज्य सरकार देगी, जबकि एक हजार रुपये पारा शिक्षकों के मानदेय से कटेंगे। साथ ही सरकार 1950 रु अपना अंशदान वहन करेगी। बैठक में विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, राजेश कच्छप, अमित यादव, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, राज्य परियोजना निदेशक आदित्य कुमार रंजन भी उपस्थित थे। इस वार्ता के बाद पारा शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया है। झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के विनोद तिवारी, संजय दूबे, मो सिद्दीक शेख ने कहा कि सरकार वेतनमान एवं समतुल्य मानदेय पर विचार नही किया, जिससे पारा शिक्षक निराश हैं। लेकिन ईपीएफ का लाभ मिलने पर भविष्य सुरक्षा के लिए अच्छा प्रयास है। मोर्चा इस कदम का स्वागत करता है। बता दें कि इससे पहले भी इनके बीच दो वार्ता हुई थी, जो बेनतीजा रही थी।
अनुकंपा के नियम में बदलाव समेत कई अन्य मांगों पर हुई सहमति
मंत्री के साथ हुई इस बैठक में अनुकंपा के नियम में बदलाव पर भी सहमति बनी है। इस नए नियम के अनुसार किसी भी पारा शिक्षक का निधन सेवाकाल में होने पर उसके आश्रित को योग्यता के आधार पर परिषद में अनुबंध पर नौकरी मिलेगी। इसके लिए 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी। मोर्चा के सदस्यों को यह बताया गया कि शहरी क्षेत्र के पारा शिक्षकों को प्रतिवर्ष चार प्रतिशत मानदेय वृद्धि को लेकर नियम में बदलाव का प्रस्ताव गुरुवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में आएगा। इस नए नियम के तहत अब शहरी क्षेत्रों के पारा शिक्षकों को मानदेय वृद्धि के लिए प्राधिकार समिति से अनुमोदन की अनिवार्यता खत्म की जाएगी। बैठक में सीटेट पास शिक्षकों को जेटेट के समतुल्य मानदेय मिलने पर भी सहमति बनी। वार्ता में पारा शिक्षक नेता विनोद तिवारी ने कहा कि आकलन उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जाए, क्योंकि वे कठिन परीक्षा से गुजरे हैं। सरकार चाहे तो यह कर सकती है। इस मांग का सभी सदस्यों ने जोरदार समर्थन किया। इस बैठक में मोर्चा की ओर से विनोद तिवारी, विनोद बिहारी महतो, संजय दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रद्युम्न कुमार सिंह, निरंजन डे, बेलाल अहमद, विकास कुमार, शेख सिद्दीकी आदि सम्मिलित थे।