Jharkhand (झारखंड) के देवघर में पदस्थापित ग्रामीण विकास विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जीतेंद्र पासवान मानव तस्करी के आरोप में फंस गए हैं। उन पर आरोप है कि वह एक नाबालिग लड़की को जबरन दिल्ली लेकर जा रहे थे। रांची एयरपोर्ट पर उन्हें रोक लिया गया। पूछताछ के बाद इंजीनियर को हिरासत में ले लिया गया है।
आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस
इस मामले में CWC के निर्देश पर FIR दर्ज होने वाली है। एयरपोर्ट से रेस्क्यू की गई नाबालिग की उम्र 15 वर्ष है। लड़की ने पूछताछ में बताया कि उसे घरेलू काम करने लिए इंजीनियर दिल्ली ले जा रहे थे। पुलिस इस मामले में 10 मार्च को केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में है।
दिल्ली जाने को राजी नहीं थी नाबालिग
अब तक की जांच में पता चला है कि बच्ची को बीते 5 मार्च को ही देवघर से रांची लाया गया था। यहां चार दिनों तक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने अपने रातू रोड हेहल स्थित अपने घर पर रखा। यहां उससे झाड़ू सफाई भी करवाया गया। इसके बाद किसी डाॅक्टर साहब के पास दिल्ली ले जाया जा रहे थे। मंगलवार को बच्ची को लेकर आरोपी इंजीनियर विमान में बैठ गए। फ्लाइट में बैठने के बाद बच्ची अचानक उठ गई और बोली मैं नहीं जाउंगी। इसके बाद इंजीनियर से थोड़ी नोंक-झोंक भी हुई। इससे फ्लाइट के कर्मियों को शक हुआ। सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी गई।
चाइल्डलाइन को सौंप दी गई नाबालिग
इस बीच महिला ने बच्ची को मदद की। सूचना मिलने के बाद एयरपोर्ट थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को हिरासत में लिया। बच्ची को रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। बच्ची को चाइल्ड होम में भेज दिया गया। 9 मार्च को CWC के समक्ष दिए गए बयान में बच्ची ने पूरे मामले का खुलासा किया। बच्ची ने अपने बयान में बताया कि उसे जबरन दिल्ली ले जाया जा रहा था। उसे पहले देवघर से रांची लाया गया। इसके बाद रांची से दिल्ली ले जाने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। इसके बाद फ्लाइट में बैठाया गया। बच्ची को लगा कि वह फंस गई है। इस लिए वह विरोध करने लगी।