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Jharkhand: हिन्दू नववर्ष, चैत्र प्रतिपदा विक्रम सम्वत सर 2081 के भव्य अभिनन्दन समारोह में फगुआ चैती लोक गीतों की हुई मधुमय फुहार 

Jharkhand: हिन्दू नववर्ष, चैत्र प्रतिपदा विक्रम सम्वत सर 2081 के भव्य अभिनन्दन समारोह में फगुआ चैती लोक गीतों की हुई मधुमय फुहार 

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Breaking news, Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : अखिल भारतीय साहित्य परिषद रांची इकाई के तत्त्वावधान में लालपुर स्थित हॉटेल सिटी पैलेस में हिन्दू नववर्ष विक्रम सम्वत सर 2081 चैत्र प्रतिपदा एवं होली मिलन का अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। इसमें फगुआ चैती लोक गीतों की मधुमय फुहार कवि-कवयित्रियों ने बरसायीं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद झारखंड के महामंत्री विजय कुमार ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हम  सभी सनातनी बंधुओं का  प्रयास यही होना चाहिए कि हम अपनी हिन्दू संस्कृति के विरासत को नये रूप में परिभाषित करें एवं नयी पीढ़ी को अपनी महान उदार संस्कृति से परिचित करायें।

अपने-अपने घरों में दीप जलायें, रंगोली बनायें

उन्होंने ने कहा-‘हिन्दू नववर्ष के इस पावन अवसर पर हम सभी अपने-अपने घरों में दीप जलायें, रंगोली बनायें एवं घर में बने पारम्परिक भोजन एवं मिष्टान्न से एक-दूसरे को उपहार स्वरूप भेंट देकर यह उत्सव मनायें। हमारे इस प्रयास से स्वत: ही सोयी हुई हिन्दू मानस चेतना ऊर्जस्वित हो जायेगी। हम सभी को बस ऐसे ही छोटे-छोटे प्रयास करने हैं, जिससे हिन्दू गौरव का मान बढ़े।’ इस अवसर पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर  पंकज वत्सल ने कहा, ‘ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में हमारे सामने हिन्दू अस्मिता को लेकर कठिन चुनौती है। हमें किसी भी स्थिति में अपनी भारतीय सभ्यता एवं  संस्कृति को किसी भी प्रकार के भ्रम एवं दुष्प्रचार से बचाये रखना होगा। इसलिए आवश्यक है कि हम अपने घरों से आस्था का दीप जला कर इसका शुभारम्भ करें। इससे भारतीय जन मानस को आयातित वैचारिक अंधकार से बाहर निकलने में सफलता मिले।’ डीएवी गांधी नगर के प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं आस्था के प्रति गम्भीर एवं ईमानदार बनना होगा। इसके लिए ऐसे आयोजनों की बहुत आवश्यकता है।’ 

कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीएवी गांधी नगर के प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिन्हा, विशिष्ट अतिथि के रूप में पंकज वत्सल, चंद्रिका ठाकुर देशदीप, रेणु झा रेणुका, कामेश्वर सिंह कामेश, अखिल भारतीय साहित्य परिषद झारखंड के उपाध्यक्ष प्रशांत कर्ण, वैद्यनाथ मिश्र, सदानंद सिंह यादव, पम्पा सेन एवं रजनी चंदा ने मंच की शोभा बढ़ायी। इस अवसर पर शहर के प्रतिष्ठित रचनाकारों ने काव्य पाठ किये। इनमें पंकज पुष्कर, जितेन्द्र तिवारी, मधुमिता साहा, अर्पणा सिंह, ऋतुराज वर्षा, गिरिजाशंकर पेड़ीवाल, नीता शेखर, सुनीता श्रीवास्तव, डॉ. नंदिनी कुमारी शिवजा, सुनीता अग्रवाल, नीता शेखर, खुशबू बरनवाल, रेणुबाला धार, पूनम वर्मा, सिम्मी वर्मा, कवीन्द्र वर्मा, विनोद, अजित प्रसाद आदि शामिल हैं। परिषद की रांची अध्यक्ष मनीषा सहाय सुमन ने स्वागत उद्बोधन किया। मंच संचालन सुनीता अग्रवाल ने किया, जबकि सरस्वती वंदना अर्पणा सिंह ने की। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रतिमा त्रिपाठी ने किया।

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