Dowry is curse and crime. कभी हम ‘दुल्हन ही दहेज है’ का भाव सुना करते थे। दहेज लेना और देना दोनों जुर्म है, यह तो स्थापित कानूनी बात है। इसके बावजूद दहेज लेने-देने और उसमें कमी की वजह से दुल्हन की जान जाने की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं। यह समाज के लिए अत्यंत दुखद है। ऐसी घटना झारखंड के बोकारो में साल 2017 में हुई थी। जब एक दुल्हन को दहेज के लिए गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। अब कोर्ट ने दुल्हन के पति, सास और ससुर को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह की अदालत ने पति, ससुर और सास को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। घटना पिंडराजोरा थाना क्षेत्र के आमटांड की है। दहेज हत्या मामले में न्यायालय ने पति झंडू कुंभकार, ससुर किंकर कुंभकार और सास जितनी देवी को सजा सुनाई है। यह जानकारी विशेष लोक अभियोजक आरके राय ने दी।
22 जुलाई 2017 को हुई थी शादी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तोपचांची के केंदुआडीह के रहने वाली नुनीबाला की शादी 22 जून 2017 को आमटांड के झंडू कुंभकार के साथ हुई थी। इस दौरान मृतका के पिता सुनील कुमार ने 90 हजार रुपये में शादी तय की। इस दौरान 81 हजार दहेज के रूप में दिए। शादी के बाद से 9000 रुपये सहित टीवी और बाइक की मांग को लेकर नुनीबाला को प्रताड़ित किया जाने लगा। मृतका के पिता ने तय की गई राशि चुकता भी की। इसके बावजूद 7 नवंबर 2017 को नुनीबाला की गला दबाकर हत्या कर दी गई। मृतका के पिता ने अपनी बेटी के पति सास और ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया था।